Class 12th Chemistry Objective types Question and Answer 2022
1. निम्नलिखित में से अक्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है ।
- नमक
- सोडा
- काँच
- हीरा
2. किसी क्रिस्टल में प्रति इकाई कोशिका में परमाणुओं की संख्या 2 हो, तो क्रिस्टल संरचना होगी ।
- अष्टफलकीय
- फलक केन्द्रित धनीय
- अन्त: केन्द्रित धनीय
- सामान्य धनीय
3. निम्नलिखित में से सहसंयोजी क्रिस्टल है –
- नमक
- सोडा
- काँच
- हीरा
4. किसी क्रिस्टल का ऋणायन द्वारा निर्मित रिक्ति में इलेक्ट्रॉन की उपस्थिति द्वारा जनित दोष –
- फ्रेंकल दोष
- शॉटकी दोष
- रससमीकरणीय दोष
- F – केन्द्र
5. निम्नलिखित क्रिस्टलीय पदार्थ जिसमें धनायन धनीय संकलित संरचना बनाता है और ऋणायन रिक्तियों में उपस्थित रहता है –
- NaCl
- CsCl
- ZnS
- CaF2
6. एक फलकं केन्द्रित घन इकाई कोशिका में उपस्थित परमाणुओं की संख्या –
- 4 होती है
- 3 होती है
- 2 होती है
- 1 होती है
7. क्रिस्टल जालक की सूक्ष्मतम इकाई होती है –
- जालक सेल
- इकाई सेल
- सममिति केन्द्र
- त्रिविम जालक
8. शुष्क बर्फ (ठोस CO2) है –
- आयनिक क्रिस्टल
- सहसंयोजी क्रिस्टल
- आण्विक क्रिस्टल
- धात्विक क्रिस्टल
9. CsCl क्रिस्टल में प्रत्येक Cs+ आयन के धेंरे रहने वाले विपरीत आयनों की संख्या होती है –
- 4
- 6
- 8
- 12
10. फेंकल दोष के कारण आयनिक ठोसों का धनत्व –
- बढ़ता है
- घटता है
- अपरिवर्तित रहता है
- परिवर्तित हो जाता है
11. क्रिस्टल जालक से एक धनायन तथा एम ऋणायन का स्थान रिक्त होगा, कहलाता है –
- आयनिक दोष
- परमाण्विक दोष
- फ्रेंकल दोष
- शॉटकी दोष
12. किसी अभिक्रिया का वेग अभिक्रिया की प्रगति के साथ –
- बढ़ता है
- घटता है
- अपरिवर्तित रहता है
- परिवर्तित होता है
13. निम्न में से वह कारक जिस पर शुन्य कोटि की अभिक्रिया दर स्वतंत्र है –
- अभिक्रिया का ताप
- अभिक्रिया का सांन्द्रण
- उत्पादों का सान्द्रण
- अभिकारकों के सान्द्रण
14. प्रथम कोटि की अभिक्रिया का विशिष्ट दर स्थिरांक किस पर निर्भर करता है –
- ताप पर
- दाब पर
- अभिकर्मक की सान्द्रता पर
- उत्पाद के सान्द्रण पर
15. शून्य कोटि की अभिक्रिया के वेग स्थिरांक की इकाई है –
- LMOL-1s-1
- mol l-1 s-1
- Ls-1
- mol s-1
16. किसी अभिक्रिया का वेग स्थिरांक निम्न में से किस कारक की वृद्धि के साथ बढ़ता है –
- दाब
- ताप
- क्रियाकारको की सान्द्रता
- उपरोक्त सभी
17. किसी अभिक्रिया का तापक्रम बढ़ाने पर क्रिया दर अधिक बढ़ जाने का मुख्य कारण –
- टक्करों की प्रभावी संख्या का बढ़ जाना
- सक्रियण उर्जा का मान बढ़ जाना
- सक्रियण उर्जा का मान कम हो जाना
- अणुओ की संख्या बढ़ जाना
18. किसी अभिक्रिया का वेग क्रियाकारकों की सान्द्रता पर निर्भर नही करता है, यह अभिक्रिया –
- प्रथम कोटि की होगी
- द्वितीय कोटि की होगी
- तृतीय कोटि की होगी
- शून्य कोटि की होगी
19. किसी अभिक्रिया का लिए वेग = k[A]m[B]n इसकी कोटि
- m + n होगी
- m-1 होगी
- m होगी
- n होगी
20. रेडियोधर्मी क्षय क्रिया की अभिक्रिया कोटि होती है
- शून्य
- प्रथम
- द्वितीय
- तृतीय
21. प्रथम कोटि की अभिक्रिया की अर्द्धआयु निर्भर करती है –
- क्रियाकारक की सान्द्रता पर
- उत्पाद की सान्द्रता पर
- क्रियाकारक एवं उत्पाद की सान्द्रता पर
- क्रियाकारक एवं उत्पाद दोनों की सान्द्रता पर नही
22. रासायनिक अभिक्रिया की दर निर्भर करती है –
- सक्रिय द्रव्यमान पर
- परमाणु द्रव्यमान पर
- तुल्यांकी भार पर
- आण्विक द्रव्यमान पर
23. कोलॉइडी कणों का आकार होता है –
- 10-7 – 10-9 सेमी के बीच
- 10-9– 10 -11 सेमी के बीच
- 10-5 – 10-7 सेमी के बीच
- 10-2 – 10-3 सेमी के बीच
24. भौतिक अधिशोषण में ठोस की सतह पर गैस के अणु बंधे रहते है –
- रासायनिक बलों द्वारा
- स्थिर वैद्युत बलों द्वारा
- गुरूत्वीय बलों द्वारा
- वाण्डर वाल्स बलों द्वारा
25. निम्न में से किसका प्रयोग द्रव स्नेही कोलॉइडी विलयन बनाने में नहीं होता है –
- स्टार्च
- गोंद
- जिलेटिन
- धातु सल्फाइड
26. सॉल हमेशा निम्न गुण प्रदर्शित नही करते है –
- अवशोषण
- टिण्डल प्रभाव
- स्कंदन
- चुम्बकीय गुण
27. कोलॉइडी कणों का कौन सा गुण प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण होता है –
- विसरण
- पेप्टीकरण
- टिण्डल प्रभाव
- ब्राउनी गति
28. तुरंत अवक्षेपित फेरिक हाइड्रॉक्साइड पर तनु HCl की कुछ बुन्दे डालने पर लाल रंग का कोलॉइल विलयन मिलता है । इस प्रक्रम कहते है –
- विलयन
- संरक्षण क्रिया
- पेप्टीकरण
- अपोहन
29. आर्सीनियस सल्फाइड के कोलॉइडी विलयन को निम्न के द्वारा स्कंदित किया जाता है –
- वैद्युत अपघट्य डालकर
- वैद्युत अनअपघट्य डालकर
- विलयन को कुछ दिन रखकर
- ठोस AS2S3 मिलाकर
30. कोलॉयडी कणों का अधिगमन विद्युत क्षेत्र के प्रभाव द्वारा होने का प्रक्रम कहलाता है-
- धन कण संचलन
- वैद्युत कण संचलन
- विद्युत अपोहन
- विद्युत परिक्षेपण
31. किसी आयन की स्कंदन क्षमता किसी प्रदत्त कोलॉइल विलयन के लिए निर्भर है –
- आकार पर
- केवल आवेश की मात्रा पर
- आवेश के चिन्ह पर
- आवेश की मात्रा एवं चिन्ह दोनो पर
32. सक्रिय चारकोल में ऐसीटिक अम्ल का अधिशोषण प्रक्रिया में ऐसीटिक अम्ल है –
- अधिशोषण करने वाला
- अवशोषक
- अधिशोषण
- अधिशोष्य
33. कोलॉइडी विलयन में कितनी अवस्थायें पायी जाती है –
- 1
- 2
- 3
- 4
34. हार्डी शूल्जे नियम सम्बधित है –
- विलयन से
- स्कंदन से
- ठोसों से
- गैसो से
35. भर्जन का मुख्य कार्य है –
- वाष्पशील पदार्थ को हटाना
- ऑक्सीकरण
- अपचयन
- धातुमल बनाना
36. अयस्क के प्रगलन का उद्देश्य है –
- ऑक्सीकृत करना
- अपचयित करना
- वाष्पशील मल का हटाना
- मिश्र धातु प्राप्त करना
37. ताम्बे का मुख्य अयस्क है –
- कैल्कोपायराइट
- केसिटेराइट
- क्रायोलाइट
- कैलामीन
38. मैलेकाइट अयस्क है –
- लोहे का
- जस्ते का
- ताम्बे का
- चांदी का
39. लोहे का प्रमुख स्रोत है –
- मैग्नेटाइट
- बॉक्साइट
- मेगनाइट
- मैग्नेसाइट
40. अयस्को से शुद्ध रूप में धातुओं को प्राप्त करने को कहा जाता है –
- शोधन
- सान्द्रण
- निक्षालन
- धातुकर्म
41. हैमेटाइट के सान्द्रण की विधि है –
- धनत्वीय पृथक्करण
- झाग प्लवन
- चुम्बकीय पृथक्करण
- उपर्युक्त में से कोई नही
42. ऑक्साइड अयस्को से धातु के निष्कर्षण का सामान्य तरीका कौन सा है –
- कार्बन के साथ अपचयन
- हाइड्रोजन के साथ अपचयन
- ऐल्युमिनियम के साथ अपचयन
- विद्युत अपघटन विधि
43. पाइराइट अयस्क को वायु में गर्म करके गंधक को हटाने की क्रिया कहलाती है –
- प्रगलन
- निस्तापन
- अमलगमन
- भर्जन
44. अयस्कों के प्रगलन के समय गालक का कार्य है –
- अयस्क को सरन्ध्र बनाना
- अधात्री हटाना
- अपचयन सुगम करना
- धातुमल का अपक्षेपण
45. वह पदार्थ जो गैस के साथ प्रतिक्रिया करके गलनीय द्रव बनाता है, कहलाता है –
- गालक
- उत्प्रेरक
- अयस्क
- धातुमल
46. प्रगलन की प्रक्रिया निम्नलिखित में सम्पन्न होती है –
- वात्या भट्टी
- खुले तल की भट्टी
- सफल भट्टी
- विद्युत भट्टी
47. निम्नलिखित में से किस खनिज में ऐल्युमीनियम अनुपस्थित है –
- क्रायोलाइट
- माइका
- फेल्सपास
- फलुओरस्पार
48. नाइट्रोजन पेन्टाहैलाइड नही बनाता है क्योंकि –
- इसका आकार छोटा होता है
- इसकी आयनन उर्जा उच्च होती है
- इसकी विद्युत ऋणात्मकता उच्च होती है
- कोई रिक्त d कक्षक उपलब्ध नही होता है
49. निम्नलिखित में से कौन सा तत्व अपररूपता प्रदर्शित नही करता है –
- नाइट्रोजन
- फॉस्फोरस
- कार्बन
- सल्फर
50. निम्न में से किस हैलोजन की ऑक्सीकरण अवस्था सदैव एक होती है-
- फलोरिन
- क्लोरिन
- ब्रोमीन
- आयोडिन
51. निम्न में से किसमे हाइड्रोजन बन्ध उपस्थित है –
- HF
- HCl
- HBr
- HI
52. निम्न में से किस अक्रिय गैस का अष्टक पूर्ण नहीं है –
- हीलियम
- निऑन
- आर्गन
- क्रिप्टॉन
53. निम्न में से प्रबल अम्ल है –
- HF
- HCl
- HBr
- HI
54. निम्न में से कौन सा हैलोजन उर्ध्वपातित होता है –
- फलोरिन
- क्लोरिन
- ब्रोमीन
- आयोडिन
55. विज्ञापन के लिये प्रयुक्त रंगीन विसर्जन नलिका में उपयोग होती है –
- आर्गन
- निऑन
- हीलियन
- जीनॉन
56. [Ni (CO)4] में छप की ऑक्सीकरण अवस्था है –
- 0
- 1
- 2
- 4
57. मोहर लवण है –
- द्विक लवण
- संकुल लवण
- उदासीन यौगिक
- अभिकर्मक
58. [Cu(NH3)4]SO4 में Cu की समन्वयक संख्या है –
- 1
- 2
- 4
- 5
59. [Ni (CO)4] में M-C बंध होता है-
- केवल पाइ बंध
- केवल सिग्मा बंध
- सिग्मा एवं पाई दोनो बंध
- उपसहसंयोजी बंध
60. [Co(NH3)6]3+ आयन का रंग पीला होता है, इसकी EAN संख्या है –
- 24
- 30
- 33
- 36
61. संकुल यौगिक में लिगेण्ड—
- इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण करत है
- इलेक्ट्रॉन युग्म दान करते है
- कभी इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण करते है तो कभी इलेक्ट्रॉन युग्म दान करते है
- उपरोक्त सभी
62. निम्नलिखित में से कौन सा लिगेण्ड कीलेट बनाता है –
- ऐसीटेट
- ऑक्सलेट
- सायनाइड
- अमोनिया
63. सामान्यत: परमाणुओं का समूह लिगेण्ड के समान कार्य कर सकता है –
- वे धनावेशित आयन हो
- वे उदासीन अणु हो
- वे ऋणावेशित आयन हो
- वे या तो उदासीन अणु हो या ऋणावेशित आयन हो
64. उप सहसंयोजी यौगिको मे किसी धातु की उपसहसंयोजी संख्या है-
- प्राथमिक संयोजकता के समान
- द्वितियक संयोजकता के समान
- प्राथमिक तथा द्वितियक संयोजकता का योग
- उपर्युक्त में से कोई नही
65. निम्न में से कौन सा यौगिक उपसहसंयोजी यौगिक नहीं है –
- पोटैशियम फेरोसायनाइड
- फेरस अमोनियम सल्फेट
- पोटैशियम फेरीसायनाइड
- टेट्राऐमीन कॉपर (II) सल्फेट
66. लुकास अभिकर्मक द्वारा किसका परीक्षण किया जाता है –
- ऐल्डिहाइड
- फिनॉल
- ऐल्केहॉल
- ईथर
67. फिनॉल का स्वभाव होता है-
- अम्लीय
- क्षारीय
- उभयधर्मी
- उदासीन
68. फिनॉल का क्लोराफार्म एवं क्षार के साथ गर्म करने पर प्राप्त होता है –
- थैलिक अम्ल
- हाइड्रोक्सीक्विनॉल
- सैलिसेल्डिहाइड
- आर्थो हाइड्रोक्सी बेंजाइक अम्ल
69. ऐल्केहाल की जल में अत्यधिक विलेयता का कारण है –
- सहसंयोजक बंध
- आयनिक बंध
- जल के साथ हाइड्रोजन बंध
- उपरोक्त में से कोई नहीं
70. विलियमसन संश्लेषण का उपयोग किसके निर्माण में किया जाता है-
- ऐल्कोहॉल
- फिनाल
- ईथर
- ऐमीन
71 ईथर के समावयवी होते है-
- ऐल्कोहॉल
- फिनाल
- कीटोन
- ऐमीन
72 कैनिजारों अभिक्रिया नही देता है –
- फॉर्मल्डिहाइड
- ऐसीटल्डिहाइड
- बैंजलल्डिहाइड
- उपरोक्त में से कोई नहीं
73 रोजेनमुण्ड अभिक्रिया का मुख्य उत्पाद है –
- ऐल्डिहाइड
- कीटोन
- कार्बोक्सलिक अम्ल
- एस्टर
74 रजत दर्पण परीक्षण देते है –
- ऐल्डिहाइड
- कीटोन
- ऐल्कोहॉल
- ऐल्किल हैलाइड
75 जब कैल्शियम ऐसीटेटे का गर्म किया जाता है तो कौन सा यौगिक प्राप्त होता है –
- मीथेनॉल
- ऐसीटोन
- ऐसीटल्डिहाइड
- एथिल ऐसीटेट
76. आइसोसाइनाइड परीक्षण देता है –
- प्राथमिक ऐमीन
- द्वितीयक ऐमीन
- तृतीयक ऐमीन
- फीनॉल
77. मिथाइल सायनाइड जल अपघटित होकर देती है –
- CH3COOH
- HCOOH
- CH3NH2
- (CH3CO)2O
78. एथिल ऐमीन नाइट्रस अम्ल से क्रिया करके बनाता है –
- अमोनिय
- नाइट्रस आक्साइड
- एथेन
- नाइट्रोजन
79. ऐनिलीन का शुद्धिकरण करते है –
- वाष्प आसवन से
- निर्वात आसवन से
- साधारण आसवन से
- विलायक निष्कर्षण से
80. किसके साथ HNO2 की क्रिया से नाइट्रोसो ऑयल प्राप्त होता है –
- प्राथमिक ऐमीन
- द्वितीयक ऐमीन
- तृतीयक ऐमीन
- चतुष्क अमोनियम लवण
81. हॉफमेन ब्रोमाइड में –
- कार्बन परमाणुओं की संख्या बढ़ती है
- कार्बन परमाणुओं की संख्या घटती है
- हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या घटती है
- उपरोक्त में से कोई नहीं
82. उतकों का निमार्ण किसके द्वारा किया जाता है –
- विटामिन
- कार्बोहाइड्रेट
- प्रोटीन
- उपरोक्त सभी
83. RNA में नही पाया जाता है –
- थायमीन
- यूरेसिल
- ऐडिनीन
- ग्वानीन
84. पौधों की कोशिकाओं का महत्वपूर्ण कार्बोहाइड्रेट है –
- सेलुलोस
- स्टार्च
- ग्लूकोस
- विटामिन
85. कौन सा प्रोटिन रक्त प्रवाह में O2 अभिगमन करता है –
- मायोग्लोबिन
- इन्सुलिन
- ऐल्बुमिन
- हीमोग्लोबिन
86. सभी जीवित कोशिकाओं के अधिकतम प्रभावशाली उर्जा वाहक है –
- AMP
- ATP
- ADP
- UDP
87. निम्नलिखित में से कौन-सा जैव निम्ननीय बहुलक है –
- सेलुलोज
- पॉलीथीन
- पॉलीविनाइल क्लोराइड
- नायलॉन-6
88. निम्न में से रेखिक श्रृंखला बहुलक के लिए सही है –
- निम्न धनत्व निम्न गलनांक
- उच्च धनत्व उच्च गलनांक
- उच्च गलनांक एवं क्वथनांक
- निम्न तनन सामर्थ्य
89. निम्न में से बहुलक नही है –
- पी.वी.सी
- डी. एन. ए
- डी.डी.टी
- आर.एन.ए
90. बैकेलाइट में फीनॉल के साथ कौन सा यौगिक संयुक्त होता है –
- HCHO
- CH3CHO
- CH3OH
- HCOOH
91. निम्नलिखित में से कौन सा श्रृंखला वृद्धि बहुलक है –
- स्टार्च
- स्टाइरिन
- न्यूक्लिक अम्ल
- प्रोटीन
92. बहुलीकरण जिसमें दो या दो से अधिक रासायनिक रूप से भिन्न एकलक भाग लेते है, कहलाता है –
- योगात्मक
- समबहुलीकरण
- श्रृंखला
- समांगी बहुलीकरण
93. प्राकृतिक रबर मूलत: एक बहुलक है –
- क्लोरोप्रिन का
- निओप्रिन का
- आइसोप्रिन का
- ब्यूटाडाईन का
94. खाना बनाने के बर्तनो में कौन सा पदार्थ ‘नॉन स्टिक’ के रूप में प्रयुक्त होता है –
- पी.वी.सी .
- पॉली स्टाइरीन
- पॉलीएथिलीन टरथैलेट
- पॉली टेट्राफलोरो एथिलीन
95. निम्नलिखित में से कौन सा प्राकृतिक बहुलक है –
- स्टार्च
- नायलॉन
- टेफलान
- ब्यूना-S रबर
96. संधनन बहुलक का उदाहरण है –
- पॉलीथीन
- पी.वी.सी
- आर्लोन
- टेरिलीन
97. नायलॉन उदाहरण है –
- पॉलिऐमाइड
- पॉलिथीन
- पॉलिएस्टर
- पॉलिसैकेराइड
98. निम्नलिखित ऐण्टीबायोटिक में किस ऐण्टीबायोटिक की खोज सर्वप्रथम हुई थी –
- क्लोरोमाइसेटिन
- पेनिसिलीन
- एम्फिसिलीन
- स्ट्रेटोमाइसिन
99. ऐण्टिबायोटिक है –
- पैराऐसिटामॉल
- प्रोकेन
- जाइलोकेन
- क्लोरोमाइसेटिन
100. ऐण्टिपाइरेटिक है –
- प्रोकेन
- ऐस्प्रिन
- कोकेन
- पेनिसिलीन
101. सल्फाडाइजीन है एक –
- प्रतिसूक्ष्म जैविक
- प्रति अम्ल
- ज्वरनाशी
- निद्राकारी
102. डिटॉल है –
- पूर्तिरोधी
- सम्मोहक
- पीडाहारी
- निश्चेतक
103. मलेरिया अवरोधक है –
- डिटॉल
- फीनऐसीटोन
- कोकेन
- क्लोरोक्वीन
104. पूर्तिरोधी है –
- पैरासिटामॉल
- ऐस्प्रिन
- टिंचर आयोडिन
- प्रोकेन
105. एण्टिफर्टिलीटी है –
- मैस्ट्रानॉल
- पेनीसिलिन
- क्रोसिन
- प्रोकेन
106. निम्नलिखित में से किस औषधि की खोज ऐलेक्जैण्डर फलेमिंग ने की थी –
- स्ट्रेप्टोमाइसिन
- क्लोरोमाइसेटिन
- पैनिसिलिन
- ऐस्प्रिरिन
107. सैलाल का उपयोग होता है –
- ऐण्टिसेप्टिक
- ऐण्टिपायरेटिक
- 1 एवं 2 दोनो
- उपरोक्त में से कोई नहीं