Bhay se mukti ke 31 upay
Bhay se mukti ke 31 upay में यदि हम शब्द के शाब्दिक अर्थ के बारे में जो भी सोचते हैंं ।
इसके लिए हमें इसके अन्य शब्द चिंता, विचलन, तनाव, बैचेनी, डर, खौफ…..इत्यादि समझे जा सकते है ।
यहां शब्दकोश के अनुसार निश्चित करते हुए मिनिंग नहीं है,बल्कि भावों अनुसार । अब, जब मनुष्य अपने जीवन जीने की शैली में अपने अनुभव को बांटना चाहता है । या फिर अन्य किसी से कुछ लेना चाहता है जिसे हम ज्ञान कहते हैं । तो मनुष्य परस्पर विचारों का आदान-प्रदान करता है । जिसके अनुसार Bhay se mukti ke 31 upay निम्नानुसार हैं ।
Bhay se mukti ke 31 upay
आप अपनी बुद्धि एवं विवेक के अनुसार उपयोग में ला सकते है ।
- मन में उत्पन्न या स्थिर भय को सकारात्मकता के विचारों से अलग करें।
- जिससे डर लगता है,उसके बारे में ऐसा सोचो कि अमुक कारण की वजह मैं हूं ही नहीं ।
- जब कभी किसी घटना की याद सताये तो उसे भूलने की कोशिश कीजिए ।
- किसी भी एक अच्छे चित्र की कल्पना, डर के समय, करने की कोशिश कीजिए ।
- चिंता के समय अपने ईष्ट की कल्पना कीजिए ।
- अपने को मददगार मित्रों के बीच भय के आने पर रखिए ।
- अपने परिवार के साथ भय के समय रहिए ।
- डर या भय के सताये जाने पर ईश्वर का ध्यान, महाशक्ति का स्मरण भय से मुक्ति हेतु कीजिए ।
- इसके उपाय के बारे में स्वंय मंथन कीजिए ।
- स्वयं को अकेला महसूस भय के समय मत कीजिए ।
- प्रकृति से भय के बारे में कहिये ।
- हवा ,पानी ,बिजली से मानों की आप अपनी समस्या कहते हैं,ये सायक्लॉजी भी भय से मुक्ति में मदद करती है ।
- बगीचे, पानी, जलाशय में अपनी नकारात्मक तरंगो को संप्रेषित कीजिए, जिनसे भय उत्पन्न होता है ।
- पूर्व समय की कोई अच्छी यादें अपने विचारों में लाने की कोशिश कीजिए ।
- PMA (POSITIVE MENTAL ATTITUDE) की किताबें ,पुस्तकों को पढि़ए ।
- नये विचारों के पोटेंशियल के बारे में मंथन कीजिए ।
- अपने अंदर छिपी हुई गुप्त शक्तियों को जगाकर, नई स्किल डेवलप करने के बारे में सोचिए ।
- एकांत में नये आइडियास, नये इनवेंशंस के बारे में सोचा कीजिए ।
- मेडिटेशन से बुद्धि एवं व्यक्तित्व के विकास का प्रयत्न किया कीजिए ।
- सकारात्मक विचार की परिभाषा उदाहरण सहित तैयार किया कीजिए ।
- कोई भी प्रिय खेल खेला कीजिए चाहे आउट डोर हो या इंडोर ।
- डेली न्यूज़ एवं करेंट अफेयर्स सुनकर एवं टीवी में देखकर कुछ इंर्पोटेंट प्वाइंट्स नोट करके एक डायरी बनाना चाहिए । स्टूडेंट्स के लिए कैरियर एवं आम आदमी के लिए जानकारी दोनों में फायदा ही होगा । निश्चित ही भय की कल्पना भी नहीं आएगी ।
- 7, 15, 30 दिनों में कम से कम एक मूवी (मोटिवेशनल, एक्शन, इंटरटेनिंग) देखना चाहिए । या ट्रेवलिंग और इंजोयिंग मूड क्रिएटिव वर्क कर लेना चाहिए ।
- गीत गाना और सुनना जिससे आपको रिफ्रेश करने में पॉजिटिव गाने और संगीत मदद करे ।
- गार्डनिंग, फोटोग्राफी, डांसिंग, प्लेयिंग में भी थोड़ा समय देकर अपने आप को स्वस्थ्य एवं व्यस्त रखा जा सकता है ।
- मित्रों से मिलकर अपने मन की बातें करके अपने मस्तिष्क का भार/बोध भी कम किया जा सकता है । जिसे कहते है ‘कुछ बातें शेयर कर लेनी चाहिए ।‘
- प्रकृति से अपनी वार्तालाप कीजिए ।
- पेड़, पौधे, फूल, पत्ती, कांटे, हवा, पानी, आकाश, बादल, ठंड, गर्मी, इत्यादि से काल्पनिक एवं मानसिक शक्तियों का प्रयोग कर बातें की जा सकती है ।
- अपनी रहस्यमयी शक्तियों को आप स्वयं पहचानने लगेंगे तब उनक प्रयोग से आप स्वयं निर्भिकता महसूस करेंगे ।
- अपनी एनर्जी अनुसार अपनी फ्रिक्वेंशी अपनी रेज़ तैयार करने का अभ्यास करना चाहिए । इससे आपके जीवन में अद्भुद लाभ होंगे यहां तक कि आप स्वयं को अद्वितीय महसूस करने लगेंगे ।
- पिकनिक की, यात्रा की, किसी समारोह की, किसी कार्यक्रम, किसी अनुष्ठान, किसी पूजन, हवन इत्यादि की यादों के अभ्यास से भी हमें भय/चिंता से मुक्ति मिल सकती है ।