Success (सफलता) क्‍या है ? इसे कैसे हासिल करें

Success (सफलता) क्‍या है ? इसे कैसे हासिल करें

Success (सफलता) क्‍या है ? इसकी परिभाषा या Success के बारे में भिन्‍न-भिन्‍न प्रकार के बुद्धि जीवियों एवं विद्वानों की अलग-अलग धारणाएं सुनी एवं कागजों में लिखी हुई पायी जाती है ।

साधारणत: साधारण मनुष्‍य भी इसकी परिभाषा को या इसके प्रकार को न जानते हुए भी इसके भाव एवं अर्थ को अपने कर्मों के प्रतिफल के रूप में समझ जरूर जाता है तब उसी समय उस व्‍यक्ति को सफलता  मिल गई होती है ।

जब व्‍यक्ति चाही गई वस्‍तु को पा लेता है । उसके स्‍वप्‍न जैसे ही पूरे होते हैं , उसे वह सफलता ही मानता है ।

यदि कोई व्‍यक्ति किसी पद, ओहदा को पाने की जिद्दो जहद में उसे हासिल करता है तो यह उसके लिये उसकी अपनी सफलता होती है जिसे अंग्रेजी में Success कहते है ।

सफलता के दूसरे पर्याय 

हिन्‍दी के पर्यायवाची शब्‍दों में एक शब्‍द कामयाबी का तो दूसरा कहीं इसका अर्थ तरक्की भी होता है ।

एक पढ़ा-लिखा एवं समझदार व्‍यक्ति सफलता का अर्थ सिर्फ इस रूप में ही नहीं लेता है कि किसी के पास बहुत ज्‍यादा धन-दौलत हो या गाड़ी बंगला या पैसा हो और बहुत ज्‍यादा भीड़ों में उसको सम्‍मान मिलता हो और किसी को इस बात का पता ही नहीं होता है कि वह अंदर से दु:खी एवं परेशान रहता है ।

बल्कि समझदार व्‍यक्ति सिद्धांत: यह भी सफलता के परिवेश एवं वातावरण की परछाई में अपनी बात रखता है कि यदि आप सामान्‍य या गरीब हो,  बहुत ज्‍यादा धन-सम्‍पदा, मोटर-गाड़ी, वैभव ना हो तो भी वह व्‍यक्ति अपनी हर इच्‍छाओं एवं आशाओं से सदैव तृप्‍त एवं संतृप्‍त रहता है, न ही वह किसी से सम्‍मान पाता है, और न ही कोई भीड़ में उसे जाना जाता है।

वह भी अपने जिंदगी में Success हासिल किया हुआ होता है, क्‍योंकि उसे ना तो ,किसी प्रकार का मानसिक कष्‍ट है और ना ही शारीरिक व्‍याधियाँ या बीमारियाँ ।

आवश्‍यकताएं आविष्‍कार की जननी होती है

हाँ, आवश्‍यकताएं चूंकि आविष्‍कार की जननी होती है इसलिए किसी वस्‍तु या आवश्‍यक पदार्थ जो कि रोटी, कपड़ा और मकान जैसी रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली वस्‍तुओं या पदार्थों के अभाव में तकलीफ या कष्‍ट जरूर और निश्‍चित ही समस्‍या स्‍वरूप आते रहता है जो गरीब या अमीर सभी के लिये आम बात होती है ।

अच्‍छा यह होता है कि, वह सब तकलीफों के बावजूद भी निरोगी रहता है उसका आत्‍मबल एवं आत्‍म विश्‍वास सदैव उसकी उम्‍मीदों में ही काम करते रहता है ।

कभी आये हुये बुरे दिनों या समय के निकलते ही वह Success की किरण को अनुभव को करने लगता है । इस प्रकार हर व्‍यक्ति इसे अपने अंदाज से अपने सुख, अमन, चैन एवं शांति को भी सफलता मानता है ।

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 हर समृद्धता सफलता का प्रमाण नहीं होता 

कोई व्‍यक्ति जो हमें बहुत ज्‍यादा समृद्ध एवं खुश दिखाई देता है वह उसका बाहरी आवरण जो उसके माहौल से हमें प्रतीत होता है वह उसका एक रूप है किंतु उसका दूसरा रूप जो हमें दिखाई नहीं देता है ।

जो उस व्‍यक्ति का आंतरिक स्‍वभाव एवं नजरिया होता है इसके अनुसार वह व्‍यक्ति दु:खी एवं अपनी परेशानी में हमेशा बंधा हुआ रहता है फिर उसे हम कैसे Successful समझेंगे ?

सकारात्‍मक पूर्ण रवैये के चलते जब कोई अपने कर्म क्षेत्र में, उसके सपनों को पा लेता है ।

उसका प्रतिफल उसकी चाहत या उसके स्‍वप्‍न से भी ज्‍यादा उसे मिल जाता है तो वह पाया गया अहसास या उस व्‍यक्ति की खुशी, उस व्‍यक्ति की सफलता ही कहलाती है ।

जिसे समाज के लोग उस व्‍यक्ति को कामयाब हो गया कहते है या फिर ऐसा कहते कि फ़ला-फ़ला व्‍यक्ति की तरक्‍की हो गयी है । किसी चीज या अपने मकसद को हासिल कर लेने की जिद्द जब पूरी हो जाती है तो उसे भी (सफलता) Success माना जाता है  ।

सफलता किसी व्‍यक्ति की निजी सम्‍पदा नहीं होती है । जिस व्‍यक्ति की जिद्द उसे पाने की होती है, उसे जब वह मिल जाती है, तो उसकी यह निजी सफलता स्‍वाभाविकत: उसे स्‍वयं की ही लगती है ।

सफलता का महत्‍व

किन्‍तु यह तो पूरे देश पूरे राष्‍ट्र और पूरे समाज की सफलता होती है क्‍योंकि वह व्‍यक्ति अपने कर्म क्षेत्र में रहते हुए राष्‍ट्र हो चाहे समाज सभी का प्रतिनिधित्‍व को स्वयं ही करता है ।  सोचिये यदि आप सफल होते हो तो पूरी सफलता के पाने वालों के रिकार्ड्स में आप अपना नाम भी दर्ज कराते है ।

यदि आपको पाने की लालसा है, तो आपका दृढ़ निश्‍चय भी उसके अनुकूल ही आपसे कार्य करवायेगा, कर्म करवायेगा ।

सफलता की सीढ़ी चढ़ने वालो में अधिकांश ऐसे लोग पाये गये है जिन्‍होंने अपने आत्‍मबल   के प्रयोग का इतिहास प्रमाणित किया है चाहे डॉ. भीम राव अंबेडकर साहब की बात करें या फिर डॉ. अब्‍दुल कलाम साहब की बात करे या फिर अन्‍य किसी और इतिहास रचियता की ।

इनमें से प्रत्‍येक के बारें में आगे के टॉपिक्‍स में जानकारी देने की कोशिश की जावेगी । जो फक्र करते है अपनी कार्यशैली पर, नाज़ करते है अपने अंदाज पर वे एक दिन विजयी भी अवश्‍य होते है ।

जिन्‍हें कुछ लालसा होती है पाने की, अपने सपनों को पूरे करने की वे अपने कर्म के प्रति सदैव सजग होते है ।

कर्मवीर हमेशा अपनी कर्म भूमि पर खड़ा होकर अपने कर्म क्षेत्र के अनुसार ही अपनी कला का प्रदर्शन करता है । सफलता उसके मकसद में अनुकुल एवं उसकी इच्‍छाओं के अनुरूप ही उसके चरण चुमती है ।

सफलता एवं असफलता का अंतर

सफलता एवं असफलता के मध्‍य पहला अंतर खास एवं महत्‍वपूर्ण अंतर जो  देखा जाता है कि सफलता दिशात्‍मक ऊर्जा लगाकर नवनिर्मित होती है एवं असफलता अदिशात्‍मक ऊर्जा लगाकर अपना प्रतिफल शून्‍य प्रमाणित कर देती है ।

दूसरा अंतर यह देखा गया है कि बोलने वाले कम लोग होते है जो अपना इतिहास नहीं लिख पाते है किंतु नहीं बोलने वाले Success को हासिल कर इतिहास लिख देते है ।

तीसरा खास अंतर यह है कि वर्तमान परिवेश में मजदूरों एवं गरीब घरों के बच्‍चे देश सेवा में अपनी सेवाएं ज्‍यादा बेहतर रूप से दे रहे हैं ।

टेक्‍सी चलाने वाले, चाय की दुकान वाले, रिक्शा चलाने वाले और इसी प्रकार कास्तकार के परिवार के बच्‍चे आर्मी, मिलट्री, बी एस एफ, एयर फोर्स, नेवी, ब्‍लैक कमांडोस, सीआरपीएफ, रेल्‍वे, फॉरेस्‍ट, पुलिस इत्‍यादि में ज्‍यादा पदस्‍थ होते हुए नजर आ रहें हैं ।

लगभग 70% से ऊपर सामान्‍य एवं मध्‍यम परिवार के candidates’ निकलते है शायद इन लोगों के जीवन में आगे बढ़ने का कोई अवसर उन्‍हें राष्‍ट्र सेवा में ही दिखाई देता हो ।

30% उम्‍मीदवार अन्‍य सभी प्रकार के लोगों चाहे कोई शौकिया रूप से कार्य करे या देश सेवा की भावना रखे नौकरी करते देखे जाते है ।

यह class 12 वीं स्‍तर तक की पढ़ाई कम से कम की बात देखी जाती है ।

सफलता पर सभी का अधिकार  होताा है

हर समाज एवं हर तपके के लोग यहां दिखाई देते हैं । जिनके पास बहुत पैसा है, जमीन जायदाद है वे लोग बड़े-बड़े बिजनेस, व्‍यवसाय करते पाये जाते है या फिर बहुत ज्यादा हायर एजुकेशन करते तक अपना समय व्‍यतीत कर बहुत अच्‍छा career चाहे आ, आई पी एस, पी एस सी, बैंकिंग, डॉक्‍टर या इंजीनियरिग्‍स इत्‍यादि में भी अपनी Success या सफलता को प्रमाणित कर इतिहास लिख देते है ।

आप उदाहरण बन जाते है, उन लोगों के लिये जिन्‍होंने आपको कभी नीचा दिखाया होता था। आप प्रेरणा भी बनते है ।

उस समय समाज में जहां अधिकांश लोग प्रतिस्‍पर्धा के क्षेत्र में रहते हुए परस्‍पर अड़गे मारते है, एक दूसरे की टांगे खींचने की कोशिश करते है ।

उन सभी सभ्‍य व्‍यक्तियों द्वारा रचे गये समाज में, जो प्रतिकूलता की परिस्‍थतियां निर्मित की गयी हैं ।

उनके लिये आप प्रमाण बन जाते हो, सफलता के ।

विश्‍वास से बहुत बड़ी जंग जीती जा सकती है 

विश्‍वास  की शक्ति इतनी बड़ी होती है कि व्‍यक्ति स्‍वयं अपना इतिहास लिख सकता है जिसे रियल Success माना जाता है । आपको यदि कभी कहीं किसी ने नीचा दिखाया हो और आपको उस समय अपमान लगा हो तो उसका प्रत्‍युत्तर आप सकारात्‍मक ढंग से भी दे सकते है ।

अपमान का बदला जरूरी नहीं है कि आप हिंसक प्रवृत्ति धारण करके लेंगे बल्कि दूसरे भी उपाय है । अपमान के बदले अपमान लेने से Success नहीं मिलती बल्कि बाधाएं एवं मुसीबत अपने कर्म में शामिल हो जाती हैं ।

इसीलिए आप दृढ़ संकल्पित होकर अपने इरादों में क्‍यों (?) का प्रश्‍न चिन्‍हित कीजिए फिर उस परिस्थिति में आप परिस्थिति पर भी विजय पाने की योजना सकारात्‍मक तरीके से बनाइये ।

यहां पर आकर आपको सही Success की शुरूआत मिलेगी ।

एक दिन प्रतिफल आपके अनुसार, आपकी वर्तमान परिस्थिति के अनुकूल ही मिलेगा ।

धैर्य, सफलता की बहुत बड़ी कुंजी है ।

एक दिन ऐसा भी आता है जब आपका बुरा वक्‍त स्‍वयं आपको नमस्‍कार करने लगता है ।

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सफलता के मंत्र

किसी भी स्थिति में मनुष्‍य को हार नहीं माननी चाहिए ।

थकना और रूकना उनको वीरों की श्रेणी से नीचे लाता है जब भी आपको सफलता पाने में संदेह होता हो ।

आप सफलता के इन 11 मंत्रो का अपने जीवन में धारण कीजिए इनका अभ्‍यास कर, अपनी आदत में शामिल कीजिए ।

जब ये आपकी आदत में आने लगेंगे तो फिर आप अपने अंदर नयी ऊर्जा का संचार होना भी महसूस करने लगेंगे ।

Success (सफलता ) के 11 मंत्र

  1. सर्वप्रथम विचारों में नकारात्‍मकता के एहसास को डिलीट कीजिए, कट कीजिए ।
  2. सफल होना है । मैं सफल हूं । बस, यही सोचिये । आप सफलता की ओर बढ़ने लगेंगे ।
  3. पूरी दुनिया में ‘मैं, ही एक अद्वितीय हूँ ।’ जिसे भगवान ने धरती पर भेजा है । निश्‍चित ही वह मुझसे बहुत बड़ा काम करवायेगा, सिर्फ यही सोचिये ।
  4. 30-40 मिनट अधिकतम समय एकांतवास में होकर अपने भविष्‍य के बारें में शांत रहकर, जो करना है, के बारे में सोचने का अभ्‍यास कीजिए ।
  5. किये गये अभ्‍यास में नव निर्माण की योजना की कल्‍पना कीजिए । कि मैं क्‍या कर सकता हूँ । बस !
  6. अपनी शक्ति को पहचानने की कोशिश कीजिए । और विश्‍वास बनाइए कि यह शक्ति मुझे प्रभु ने, मेरे ईष्‍ट ने निश्‍चित ही कोई बड़ा काम करवाने के लिये प्रदान की है ।
  7. अपनी कला, अपने गुणों को ध्‍यान केंद्रित करके, किसी कार्य को करने की कल्‍पना कीजिए ।
  8. 10-20 मिनट या अपनी क्षमता के अनुसार मेडिटेशन करके अपनी कार्य की शैली के बारे में सोचिये ।
  9. अपने चारों ओर स्‍वयं को रखकर, अपने बारे में ‘एसोसिएट रोल’ की कल्‍पना का अभ्‍यास कीजिए ।
  10. उगते सूरज के 15 मिनट पहले उठकर, फ्रेश होकर, सूरज की हर किरणों को प्रणाम करके यह सोचिये कि वह किरण आपको नयी योजना नया प्‍लान बता रही है । विश्‍वास के साथ इसका भी अभ्‍यास कीजिए, निश्‍चित ही आपका आत्‍म बल बढ़ेगा ।
  11. जो चाहते हो वही सोचो । जो आप तक आप लाना चाहते हो उसी की कल्‍पना कीजिए । यही ‘लॉ ऑफ अट्रेक्‍शन’ का सीक्रेट्स है, जिसका उपयोग कर लाखो लागों ने Success को बेहतरीन और व्‍यापक पैमाने पर हासिल किया है ।

Success / सफलता की राय

Success की राय में सबसे बड़ा फेक्‍टर यदि किसी चीज़ का होता है तो वह है, मनोबल ।

यस, दोस्‍तों यदि आपको कुछ करने की चाहत होती है ।

आप उसकी ओर बढ़ते हो । उसकी कीमत चुकाने का प्रयास करते हो ।

और उसी समय कोई आपको नकारात्‍मक माहौल देना चाहे या आप उस माहौल में जा रहें हो और कोई आपको डी-मोटिवेट करना चाहे ।

तो आप उसी समय अपने आपका स्‍वयं आत्‍म निरीक्षण  करेंगे कि चित आयेगा या पट ।

जी हाँ, दोस्‍तों । आत्‍मबल मजबूत होने पर हेड  otherwise मनोबल कमजोर होन पर definitely टेल ही आयेगा ।

जीवन में अधिकांश लोग नकारात्‍मक वातावरण में अपने आप को रखे रहते है और चूंकि वे कुछ करना नहीं चाहते ।

इसलिए वे अपनी दयनीय स्थिति को भी comfort zone समझने लगते है ।

और फिर भी अपने जीवन में कुछ कर नहीं पाते बल्कि अपने excuses बना कर अपने चहुं ओर एक दीवार सी खड़ी कर देते है ताकि उन्‍हें कोई सलाह या सुझाव ही नहीं दे पावे, ऐसा स्‍वयं वे चाहते भी है ।

सफलता जिद्द और जूनुन से हासिल होती है

यदि  Success चाहिए होगी तो उठकर, दौड़कर, भागकर उस comfort zone जिसमें शायद रूढ़ीवादिता एवं अंध विश्‍वास की बेडि़या आपको जकड़ रखी थी, से आपको निकलना ही होगा ।

चूंकि नकारात्‍मकता व्‍यक्ति को शक्तिहीन बना देती है । ऊर्जाहीन हो जाता है वह व्‍यक्ति । जिसे समझ ही नहीं आ पाता कि वह शायद बल्कि यूं कहें कंफर्मली एक अद्वितीय कार्य करने आया था, इस दुनिया में ।

दु:ख एवं अफसोस सिर्फ यह है कि अपना आकलन स्‍वयं करना पड़ता है, जो वह व्‍यक्ति नहीं कर पाता ।

हर व्‍यक्ति को सफलता की राय निश्‍चित ही‍ मिलती है ।

भगवान उसे अनेको मौके देता है ।

कुछ खास मौके होते है ।

शायद कुछ ऐसे भी मौके होते है, जो जीवन में दुबारा नहीं आ पाते हैं ।

किंतु हम उन तक क्‍यों नहीं पहुंच पाते हैं ?

यह बहुत महत्‍वपूर्ण एवं गंभीर प्रश्‍न है ?

शायद वे मौके, opportunity आप तक आती है किंतु आपको आपकी नहीं सुनने की बुरी आदत की वजह से, जिसे सेल्‍फ ईगो कहते हैं, या किसी अन्‍य problems की वजह से भी वे मौके आपको नसीब नहीं हो पाते हैं ।

और यह opportunity हमेशा के लिये चले जाती है । सच जानिए- कारण क्‍या है ?

10 कारण / वजह जिससे opportunity हम तक नहीं पहुंच पाती –

  1.   आप सुनना/समझना नहीं चाहते हो । आप सिर्फ सुनाते रहते हो । जबकि कान दो एवं जुबान एक है तो बुद्धि एवं विवेक का प्रयोग करके सुनने की आदत डालना चाहिए ।
  2. असफलता का कारण दूसरों पर लादकर अपने आप को बचाते हो । अतएव अच्‍छा हुआ तो श्रेय स्‍वयं को देना एवं बुरा हुआ तो excuses’ बनाना यहां तक कि तकदीर/भाग्‍य को भी गलत ठहरा बैठते हो ।
  3. यदि किसी को सुनते तो सही दिशा में सही ऊर्जा का सही समय उपयोग होता । तब सकारात्‍मक परिवर्तन निश्‍चित हो जाता ।
  4. पुरानी रूढि़यों की जंजीरो से जकड़े अपने आपको फ्री नहीं कर पाने की भी वजह होती है ।
  5. अंधविश्‍वास एवं अंधभक्‍त की वजह से किसी सत्‍य को अपने आगोश में ही नहीं आने देने की वजह ।
  6. कभी-कभी आप उन मौको तक या वे मौके आप तक आते है किंतु दिशा अदिशात्‍मक होती है और आप गलत निर्णय ले लेते हैं।
  7. सबसे कठिन काम जीवन में decision (निर्णय) लेने का होता है जो हम नहीं ले पाते हैं ।
  8. समय की कीमत ना करना देन समय भी आपकी कीमत नहीं करता ।
  9. अवसर भाग्य बनकर आते है किंतु हम उस समय उनको welcome नहीं कर पाते। ज्ञान एवं विवेक के प्रयोग से यह भी संभव रहता है।
  10. जिस क्षेत्र में हमें जाना होता है उसके मास्‍टर या गुरू या गाइड से सलाह ना लेकर हम उन लोगों से सलाह या सुझाव मांग बैठते है  जो स्वयं हमें रास्‍ता दिखाने में असमर्थ रहते हैं ।

अतएव, आपको सफलता की राय में बाधा जिससे आप अपनी opportunity खत्‍म कर देते हो ।

इन बिंदुओं में क्‍या नहीं करना है, का पालन कर, जो करना है, वहीं कीजिए । opportunity भी मिलेगी और  Success/सफलता भी ।

Success Story (सफलता की कहानी)

यदि इसे हम तीन दोस्‍तों की एक कहानी को उदाहरण बनाकर करें तो आपको अवश्‍य ही समझ में आएगा ।

वे व्‍यक्ति है राम, रहीम और जेम्‍स ये तीनों दोस्‍त इंटरमीडिएट परीक्षा पास करके, आगे की पढ़ाई करके Graduate complete कर, फर्स्‍ट डिवीजन pass out हुए ।

इंटर मीडिएट तक 60% to 70% तक सभी मित्रों के लगभग समान Results एंड circumstances भी ।

उनके फेमिली बैकग्राउण्‍ड में राम के पिता फॉरेस्‍ट ऑफिसर, रहीम के पिता बस ड्राइवर एवं जेम्‍स के पिता बढ़ई थे जिसे बा मुश्‍किल जीवन यापन करने का भगवान ने सुअवसर प्रदान किया था।

राम का स्‍वप्‍न था आई पी एस बनने का ।

रहीम का स्‍वप्‍न था एस आई बनने का ।

जेम्‍स का स्‍वप्‍न था सिपाही बनने का ।

अपने पूरे जोश एवं जुनून के साथ वे सभी उनके भविष्‍य निर्माण के लिये तैयारी करने लगे ।

राम सिपाही, रहीम ट्रक ऑनर बनकर ट्रांसफोर्ट का बिजनस एंड जेम्‍स आई ए एस qualify किया ।

सफलता का सार

दोस्‍तो- मायने यह नहीं करता कि आप क्‍या बनना चाहते थे ?आप क्‍या हो ?

आपकी problem क्‍या थी ? आपकी सफलता या असफलता की वजह क्‍या थी ?

आपका guide कौन था ?

problems क्‍यों थी ? आप किस माहौल में अपने आपको admitted किये थे ?

बल्कि मायने यह करता है कि आपकी अपनी निजी सोच/व्‍यक्तिगत सोच, आपकी प्रवृत्ति/प्रतिभा, आपकी आदत क्‍या थी ?

कहते हैं ‘पूत के पांव पालने में ही दिखते है।’

definitely सही बात है, कोई आश्‍चर्य नहीं है ।

friends आप क्‍या बनना चाहते थे, क्‍या बन गये ।

एक बात होती है किंतु यह सत्‍य है कि आप किस लायक थे, उस लायक आप बन गये ।

निर्णय लेना आपकी अपनी सोच के अनुसार ।

आपकी निर्भिकता और आत्‍मविश्‍वास का बहुत सटीक और अच्‍छा तरीका है ।

एक कारण यह भी होता है जो ज्‍यादातर देखने में आता है ।

सफलता चाहते हो तो सफल व्‍यक्ति को follow करें 

आप सफल होना चाहते हो असफल से सलाह लेते हो डॉक्‍टर बनना चाहते हो, इंजीनियर से एडवाइस लेते हो । आप बेस्‍ट कोचिंग,   बेस्‍ट नॉलेजियस टीचर की तलाश करते हैं ।

लेकिन किराना दुकान या सायकिल स्‍टोर वाले से सलाह लेते हो ।

अपवाद स्‍वरूप में सायकल स्‍टोर वाला या किराना स्‍टोर वाला भी बहुत ज्‍यादा एजुकेटेड हो एवं माहौल की वजह आपको सही रास्‍ता दिखा दे किंतु 1% ही उम्‍मीद है ।

हाँ यदि इनके बच्‍चे उस लाइन में सफल हुए हों तो फिर आपको वे उनके चाहने पर सही रास्‍ता दिखा भी सकते हैं ।

क्‍योंकि अब वैसे भी पढ़े लिखे लोग भी सायकल स्‍टोर या किराना दुकान खोलकर बैठते है, या व्‍यापार करते है  ।

यह हमारा अपना सकारात्‍मक नजरिया भी होना चाहिए ।

एक व्‍यक्ति के पास ब‍हुत सालों का एक्‍सपीरियंस है, हिस्‍ट्री है । उसके एक्‍सपीरिएंस का समय आपके उम्र से ज्‍यादा है, किंतु आप अपने फ्रैंड्स की बात मानकर उस तक नहीं पहुंच पाते ।

यह भी आपको दिक्‍भ्रमित करने में मेजर फेक्‍टर बन जाता है और Success पाने से आप जीवन में वंचित रह जाते है ।

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साथ ही, यदि आपको अपने कुछ सुझाव देने हैं, तो comment section में कमेंट जरूर कीजिए ।

हमारे उत्‍साह वर्धन के लिये ।

हमारी आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं ।