कम्‍प्‍यूटर कितने प्रकार के होते हैं ? 2022 | Types of Computer

Computer kya hai ? कम्‍प्‍यूटर आज हमारे जीवन का एक अहम हिस्‍सा बन गया है । जिसके बिना आज हम कोई भी काम करने के बारें में सोच भी नहीं सकते । आज हमारा जीवन पूर्णत: इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइस के ऊपर डिपेंड है ।  चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में हो, चिकित्‍सा के क्षेत्र में हो, साइंस के क्षेत्र में हो, उद्योग के क्षेत्र में, रोजगार के क्षेत्र में  इस प्रकार कोई भी क्षेत्र ऐसा बाकि नहीं रह गया है जहां पर कोई भी काम कम्‍प्‍यूटर के बिना किया जा सके इसका मतलब यह है कि काम करने की शैली में कम्‍प्‍यूटर न केवल  एक टूल बन गया है बल्कि हाउ टू गेट बेस्‍ट  पर फारमेंस वर्क की सांस या धड़कन बन गया है।

कम्‍प्‍यूटर क्‍या है ?

कम्‍प्‍यूटर एक इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइस है । जो Data तथा instruction को input के रूप में लेता है फिर उसे प्रोसेस करके एक fix format में output रिजल्‍ट के रूप में देता है । कम्‍प्‍यूटर में डाटा को स्‍टोर करने, प्रोसेस करने तथा रिस्‍टोर करने की भी क्षमता होती है ।

सबसे पहले कम्‍प्‍यूटर का नाम

सबसे पहले कम्‍प्‍यूटर का नाम ENIAC था । जिसका निर्माण 1945 में J. Presper Eckert और John Mauchly के द्वारा किया गया था ।  इलेक्‍ट्रॉनिक कम्‍प्‍यूटर ENIAC का फुल फॉर्म Electronic Numerical Integrator And Computer है ।  

कम्‍प्‍यूटर का पिता

चार्ल्‍स बैबेज को कम्‍प्‍यूटर का पिता कहा जाता है । जो कि एक अंग्रेजी पॉलीमैथ, गणितज्ञ, दार्शनिक, आविष्‍कारक और मैकेनिकल इंजीनियर थे ।

The Basic Computer Architecture (कम्‍प्‍यूटर की आधार भूत संरचना)

मुख्‍यत: चार भागों में  कम्‍प्‍यूटर को  बाँटा गया है ।

  1. इनपुट यूनिट (Input Unit)
  2. आउटपुट यूनिट (Output Unit)
  3. सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU)
  4. मेमोरी (Memory)

इनपुट डिवाइस :- कम्‍प्‍यूटर की वह इकाई जिसका उपयोग कम्‍प्‍यूटर में डाटा, प्रोग्राम और निर्देशों को डालने के लिये किया जाता है । इनपुट डिवाइस कहलाता है । चूंकि कम्‍प्‍यूटर केवल बाइनरी डिजिट ही समझता है इसलिए सभी इनपुट डिवाइस, इनपुट इंटरफेस की मदद से इसे बाइनरी डिजिट में convert करते है । इनपुट डिवाइस की मदद से यूज़र अपनी भाषा में कम्‍प्‍यूटर को निर्देश देता है तथा कम्‍प्‍यूटर उसे अपनी भाषा (बाइनरी डिजिट या ऑन ऑफ) में समझता है ।

इनपुट डिवाइस के कार्य
  1. यूज़र से डाटा, अनुदेश तथा प्रोग्राम को लेता है ।
  2. उसे बाइनरी कोड में convert करता है ।
  3. Convert किये हुए कोड को कम्‍प्‍यूटर सिस्‍टम को देता है ।

Important इनपुट डिवाइस जो सामान्‍यत: यूज़ होते हैं ।

  • की बोर्ड (Key board)
  • माउस (Mouse)
  • ज्‍वॉय स्टिक (Joystick)
  • स्‍कैनर (Scanner)
  • बार कोड रीडर (Bar Code Reader)
  • एम आइ सी आर (MICR-Magnetic Ink Character Recognition)
  • पंच कार्ड रीडर (Punch Card Reader)
  • ऑप्टिकल मार्क रीडर (OMR-Optical Mark Reader)
  • ऑप्टिकल करेक्‍टर रीडर (OCR-Optical Character Reader)
  • माइक (Mike)
  • स्‍पीच रीकॉग्‍निशन सिस्‍टम (Speech Recognition System)
  1. आउटपुट यूनिट (Output Unit) :- कम्‍प्‍यूटर पर इनपुट किए गए डेटा को प्रोसेस करके रिजल्‍ट के रूप में प्राप्‍त करने के लिये जिस डिवाइस का यूज़ किया जाता है उसे आउटपुट डिवाइस कहते है

प्रमुख आउटपुट डिवाइस

  • मॉ‍नीटर (Monitors)
  • प्रिंटर (Printer)
  • प्‍लॉटर (Plotter)
  • स्‍पीकर (Speaker)
  • कार्ड रीडर (Card Reader)
  • टेप रीडर (Tape Reader)

सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) 

सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को कम्‍प्‍यूटर का मस्तिष्‍क भी कहा जाता है । सी.पी.यू. कम्‍प्‍यूटर की बहुत महत्‍वपूर्ण इकाई है । यह इनपुट डिवाइस द्वारा  दिये गये  निर्देशों को प्राप्‍त कर उन्‍हें प्रोसेस करती है तथा उन्‍हें आउटपुट यूनिट को उपलब्‍ध कराने का कार्य करती है । इनपुट यूनिट द्वारा निर्देश प्रोगाम्‍स के माध्‍यम से दिये जाते हैं ।

सी.पी.यू. को मुख्‍यत: तीन भागों में बाँटा गया है ।

नियन्‍त्रण इकाई (Control Unit)

ग‍णितीय एवं तार्किक इकाई (Arithmetic and Logical Unit -ALU)

मुख्‍य मेमोरी (Main Memory)

मेमोरी (Memory) 

डाटा और instruction को process करने से पहले इन्‍हें मेमोरी में स्‍टोर किया जाता है । प्रोसेस के द्वारा प्राप्‍त हुए परिणामों को भी मेमोरी में ही रखा जाता है ।

प्रायमरी मेमोरी या मुख्‍य मेमोरी कम्‍प्‍यूटर सिस्‍टर के अंदर स्थित इलेक्‍ट्रॉनिक मेमोरी होती है जो डाटा को temporary अस्‍थायी रूप से  स्‍टोर करके रखती है । इसकी गति तीव्र होती है । यह कम्‍प्‍यूटर की volatile मेमोरी होती है । जो कम्‍प्‍यूटर के ऑन रहने तक रहती है   यदि कम्‍प्‍यूटर ऑफ हो जाता है तो मेमोरी में स्‍टोर सूचना भी समाप्‍त हो जाती है ।

कंप्यूटर का पूरा नाम – COMPUTER 

C- Commonly

O- Operated

M- Machine

P- Particularly

U- Used

T- Technical

E- Educational

R-Research

Characteristics of computer

स्पीड (Speed)

कम्‍प्‍यूटर का निर्माण कार्य को अतिशीघ्र गति से करने के लिये ही किया गया था । कम्‍प्‍यूटर लाखों गणनाएं कुछ ही सेकंड बल्कि मिली/माइक्रो सेकण्‍ड में कर सकते है । एक औसत पर्सनल कम्‍प्‍यूटर 100 मिलीयन निर्देशो को एक सेकण्‍ड में संचालित कर सकता है ।

स्‍टोरेज (Storage) 

 इर्न्‍फोमेशन को  स्‍टोर भी क्षमता कम्‍प्‍यूटर में  होती  है जिसके कारण हमें अपने डाटा को बार-बार  फिड नहीं करना पड़ता है ।

कम्‍प्‍यूटर की मेमोरी / भण्‍डारण क्षमता  अति विशाल होती है 

एक्‍यूरेसी (Accuracy)

कम्‍प्‍यूटर 100 % एक्‍यूरेट होता है । यह इंसानों की तरह त्रुटी या गलती नहीं करता है परिणाम दिखाने में  ।

यदि त्रुटि होती है तो वह भी गलत निर्देश देने के कारण, कम्‍प्‍यूटर निर्देशों पर चलता है जो निर्देश आप उसे देंगे वह उसी के अनुरूप आपको रिजल्‍ट दिखायेगा । गलती इंसान से हो सकती है पर कम्‍प्‍यूटर से नहीं । हम कह सकते है की कम्‍प्‍यूटर का निर्माण बहुत फास्‍ट और एक्‍यूरेट रिजल्‍ट के लिये किया गया है ।

वर्सेटिलीटी (Versatility)

कम्‍प्‍यूटर एक वर्सेटाइल मशीन है जो एक समय में अनेक कार्य कर सकता है । इसमें आप एक साथ मल्‍टीपल टास्‍क कर सकते हैं । इसके द्वारा हम टाइपिंग,ई-मेल,ग्राफिक्‍स,विडियो इत्‍यादि कार्य कर सकते है ।

ऑटोमेशन (Automation)

यदि आपने एक बार कम्‍प्‍यूटर में कोई प्रोग्राम लोड किया है तो वह बिना किसी ह्यूमन की जरूरत के पूरा करता है जब तक की टास्‍क कम्‍प्‍लीट ना हो जाए ।

डेलीजेंस (Diligence)

कम्‍प्‍यूटर  बिना थके, बिना रूके, बिना बोर हुए, लगातार कंसंट्रेट होकर काम कर सकता है ।  इसे इंसानो की तरह ना तो थकान होती है ना ही रूकने की जरूरत होती है यह कोंस्टेंटली कंसंट्रेशन के साथ कार्य कर सकता है ।

कम्‍प्‍यूटर कितने प्रकार के होते है ।

 अपने कार्य, उद्देश्‍य और उपयोग के आधार पर मुख्‍यत: कम्‍प्‍यूटर को तीन भागों में विभाजित किया गया है ।

एप्‍लीकेशन के मुताबिक तीन प्रकार कम्‍प्‍यूटर  के होते है ।
एनालॉग कम्‍प्‍यूटर 

 भौतिक मात्राओं को  मापने में  एनॉलॉग कम्‍प्‍यूटर का यूज़  किया  जाता है  । एनालॉग  कम्‍प्‍यूटर मेजरिंग  डिवाइस से सीधे डाटा लेता है बिना नम्‍बर में कन्‍वर्ट किए। एनालॉग कम्‍प्‍यूटर टेम्‍प्रेचर (तापमान), प्रेशर (दाब), हाईट (लंबाई) को मापकर उनको अंको में परिवर्तित करता है ।  एनालॉग कम्‍प्‍यूटर का प्रयोग मुख्‍यत: इंजी‍नियरिंग,साइंस के फिल्‍ड में किया जाता है ।  थर्मामीटर और स्‍पीडो मीटर ये दोनों भी एनॉलाग कम्‍प्‍यूटर के अन्‍य उदाहरण हैंं ।

डिजिटल कम्‍प्‍यूटर 

 जैसे कि नाम से ही पता चल जाता है कि डिजिटल कम्‍प्‍यूटर का निर्माण डिजीट यानी अंको की गणना के लिए किया गया है । इसका उपयोग हाई स्‍पीड कैल्‍कुलेशन और लॉजिकल ऑपरेशन के लिये किया जाता है । डिजिटल कम्‍प्‍यूटर बाईनरी नम्‍बर सिस्‍टम पर कार्य करता है । जिसमें डाटा बाईनरी नम्‍बर 0,1 के रूप में इनपुट किया जाता है । हम जो भी डिवाइस घर पर या ऑफिस पर यूज़ करते है चाहे वह लैपटॉप हो या डेस्‍कटॉप या फिर स्‍मार्टफोन ही क्‍यों न हो ये सभी डिजिटल कम्‍प्‍यूटर के अंतर्गत आते है ।

हाइब्रिड कम्‍प्‍यूटर 

 डिजिटल कम्‍प्‍यूटर और एनालॉग कम्‍प्‍यूटर  दोनों के ही गुण हाइब्रिड कम्‍प्‍यूटर में पाये जाते हैं । हाइब्रिड कम्‍प्‍यूटर में एनॉलॉग कम्‍प्‍यूटर की ही भांति भौतिक मात्राओं की गणना तेजी से करने की क्षमता और डिजिटल कम्‍प्‍यूटर स्‍टोर करने की क्षमता और एक्‍यूरेसी होती है । यह एनॉलाग सिग्‍नल को एक्‍सेप्‍ट कर उसे प्रोसेसिंग से पहले ही डिजिटल फॉर्म में कन्‍वर्ट कर देता है देन प्रोसेसिंग कर आउट पुट देता है । हाइब्रिड कम्‍प्‍यूटर का उपयोग ज्‍यादातर उन जगहों पर किया जाता जहां एनॉलाग और डिजीटल दोनों डाटा को प्रोसेस किया जाता है । जैसे हॉस्‍पिटल, साइंटिफिक एप्‍लीकेशन, एयर प्‍लेन इत्‍यादि ।

उद्देश्‍य के आधार पर कम्‍प्‍यूटर को दो भागों में बांटा गया है
  • सामान्‍य कम्‍प्‍यूटर
  • विशेष कम्‍प्‍यूटर  

सामान्‍य कम्‍प्‍यूटर का उपयोग सामान्‍य लोगों द्वारा भिन्‍न-भिन्‍न कार्य के लिये किया जाता है । इनमें डाटा स्‍टोर करने की क्षमता अधिक होती है अधिकांश व्‍यापार/बिजनस में इस प्रकार के कम्‍प्‍यूटर का उपयोग किया जाता है । जैसे :- बैंकिंग के कार्य में, बीमा कार्यों में, एकाउंट बनाना, ग्राफ बनाना, डाटाबेस का प्रबंधन करना इत्‍यादि काम किए जा सकते है ।

विशेष कम्‍प्‍यूटर

इसका प्रयोग विशिष्‍ट कार्यों के लिये किया जाता है इनमें विशेष कार्यों को करने के लिये प्रोग्राम लोड रहते है जैसे :- कम्‍प्‍यूटर एडेड मेनुफेक्‍चरिंग, कम्‍प्‍यूटर एडेड डिजाइन आदि के लिये विशेष कम्‍प्‍यूटरों की आवश्‍यकता होती है । ग्राफिक कंट्रोल, एयरक्राफ्ट कंट्रोल आदि में विशेष कम्‍प्‍यूटर का यूज़ किया जाता है । आजकल विशेष कम्‍प्‍यूटर का उपयोग अन्‍तरिक्ष विज्ञान, फिल्‍म सम्‍पादन, चिकित्‍सा आदि के क्षेत्र में किया जा रहा है ।

क्षमता के आधार पर कम्‍प्‍यूटर

  • माइक्रो कम्‍प्‍यूटर
  • मिनी कम्‍प्‍यूटर
  • मेनफ्रेम कम्‍प्‍यूटर
  • सुपर कम्‍प्‍यूटर

माइक्रो कम्‍प्‍यूटर

अन्‍य सभी कम्‍प्‍यूटर की तुलना में सबसे छोटा (आकार और क्षमता)  कम्‍प्‍यूटर है,  इसे पर्सनल कम्‍प्‍यूटर या डेस्‍कटॉप कम्‍प्‍यूटर भी कहा जाता है । यह कम्‍प्‍यूटर सामान्‍य कार्य करने  के लिये उपयोग में लाये जाते है इसमें माइक्रो प्रोसेसर का उपयोग किया जाता है । इन कम्‍प्‍यूटर्स पर वर्ड प्रोसेसिंग, डेटाबेस मैनेजमेंट एवं स्‍प्रेडशीट आदि कार्य किये जा सकते हैं । सर्वप्रथम माइक्रो कम्‍प्‍यूटर 1981 में आई बी एम कम्‍पनी द्वारा बनाया गया था । इसके बाद एप्‍पल कम्‍पनी ने Macintosh नाम से माइक्रो कम्‍प्यूटर बनाया । माइक्रो कम्‍पयूटर या पर्सनल कम्‍प्‍यूटर एक समय में एक ही व्‍यक्ति द्वारा कार्य करने के लिये बनाए जाते है । इसका यूज़ घरेलु कामकाज के लिये और व्‍यवसायिक कार्यों हेतु किया जाता है ।

माइक्रो कम्‍प्‍यूटर निम्‍न प्रकार के होते है ।

  • डेस्‍कटॉप कम्‍प्‍यूटर्स
  • लेपटॉप/नोटबुक कम्‍प्‍यूटर्स
  • नेटवर्क कम्‍प्‍यूटर्स
  • पॉमटॉप कम्‍प्‍यूटर्स
डेस्‍कटॉप कम्‍प्‍यूटर्स  

जैसे नाम से ही पता चलता है कि ये कम्‍प्‍यूटर डेस्‍क के ऊपर स्‍थायी रूप से रखे जाने वाले होते हैं । डेस्‍कटॉप कम्‍प्‍यूटर्स पोर्टेबल नहीं होते है इन्‍हें एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान तक आसानी से नहीं लाया ले जाया जा सकता है । इस प्रकार के कम्‍प्‍यूटर में सी आर टी या एल सी डी मॉनीटर का प्रयोग होता है । डेस्‍कटॉप कम्‍प्‍यूटर्स में सी पी यू, मॉनीटर, और कीबोर्ड तीन अलग-अलग हिस्‍से होते है,   आप स्‍वयं भी हो सकता है इस पोस्‍ट को डेस्‍कटॉप कम्‍प्‍यूटर पर पढ़ रहे हो । इसे सामान्‍यत: पीसी भी कहा जाता है ।

लेपटॉप/नोटबुक 

लेपटॉप कम्‍प्‍यूटर का निर्माण मोबाइल टेक्‍नोलॉजी के आधार पर किया गया है जैसे हम मोबाइल को आसानी से एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर ले जा सकते है जैसे मोबाइल बैटरी से चलता है उसी प्रकार लेपटॉप कम्‍प्‍यूटर भी बैटरी से चलता है इसे एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान तक आसानी से लाया ले जाया जा सकता है क्योंकि इसका आकार एक छोटे सूटकेस जितना होता है । लेपटॉप/नोटबुक कम्‍प्‍यूटर पोर्टेबल होते है  । इसमें सीपीयू, मॉनीटर, और की बोर्ड एक साथ संलग्‍न रहते है आप बड़ी आसानी से अपना कार्य कहीं भी कभी भी कर सकते है । नोटबुक कम्‍प्‍यूटर लेपटॉप कम्‍प्‍यूटर से भी छोटे होते है  । इसका वजन भी लेपटॉप कम्‍प्‍यूटर की तुलना में बहुत कम होता है ।  लेपटॉप में डेस्‍कटॉप के सारे फीचर्स रहते है परंतु नोटबुक में लेपटॉप की अपेक्षा कम फीचर्स होते है ।

नेटवर्क कम्‍प्‍यूटर्स  

नेटवर्क कम्‍प्‍यूटर्स पर्सनल कम्‍प्‍यूटर्स से अपेक्षाकृत कम क्षमता वाले होते है इसमें स्‍टोरेज क्षमता कम होती है इसकी प्रोसेसिंग भी कम होती है  

पॉम कम्‍प्‍यूटर्स

आपको नाम से ही पता चल गया होगा की पाम यानी हथेली मे आने वाले कम्‍प्‍यूटर ये कम्‍प्‍यूटर्स काफी छोटे आकार के होते है जिसे आप अपने हाथ में रख सकते हैं । इनका आकार भी अत्‍यधिक छोटा नोटबुक कम्‍प्‍यूटर की तरह होता है । इसकी स्‍क्रीन और कीपेड दोनों ही बहुत छोटे होते हैं । इसकी प्रोसेसिंग क्षमता भी नोटबुक कम्‍प्‍यूटर्स से कम होती है । पॉम कम्‍प्‍यूटर्स को बड़े कम्‍प्‍यूटर्स के साथ जोड़कर डाटा का आदान-प्रदान किया जाता है ।

मिनी कम्‍प्‍यूटर्स

 मिनी कम्‍प्‍यूटर्स मध्‍यम आकार के कमप्‍यूटर होते है जो माइक्रो कम्‍प्‍यूटर से अधिक शक्तिशाली और महंगा होता है । मिनी कम्प्‍यूटर्स मल्‍टीयूज़र होता है जिसमें एक के बाद एक लगातार मल्‍टीपल यूज़र द्वारा यूज़ करने के लिये बनाया गया है । मिनी कम्‍प्‍यूटर्स  में एक सिस्‍टम होता है जो मल्‍टीयूजर्स सपोर्ट प्रदान करता है । मल्‍टी टर्मिनल टाइम शेयरिंग सिस्‍टम कहलाता है । 

मेनफ्रेम कम्‍प्‍यूटर 

व्‍यापक पैमाने पर डाटा प्रोसेस करने व जटिल कार्यों  को आसानी से करने के लिये । मेनफ्रेम कम्‍प्‍यूटर का निर्माण किया गया था । जिसमें एक साथ एक समय में मल्‍टीपल यूजर कार्य करते है । अर्थात् मेनफ्रेम कम्‍प्‍यूटर मल्‍टी यूजर कम्‍प्‍यूटर है ।   मेनफ्रेम कम्‍प्‍यूटर मिनी कम्‍प्‍यूटर और माइक्रो कम्‍प्‍यूटर से अधिक शक्तिशाली होते है ।

इनमें डाटा प्रोसेस करने स्‍टोर करने की क्षमता मिनी और माइक्रो कम्‍प्‍यूटर से अधिक होती है ।

इनका उपयोग सरकारी विभाग, बैंको , उद्योगों में बड़े पैमाने में डाटा प्रोसेस करने के लिये किया जाता है ।

कुछ कंपनियां जो मेनफ्रेम का उपयोग करती है ।

वॉलमार्ट, इंडियन रेल्‍वे, आईसीआईसीआई बैंक … इत्‍यादि । मेनफ्रेम कम्‍प्‍यूटर सबसे पहले बनाने का श्रेय आई बी एम कंपनी को जाता है ।

सुपर कम्‍प्‍यूटर

यह कम्‍प्‍यूटर आज तक जितने भी कम्‍प्‍यूटर बने हैं उनमें से सबसे ज्‍यादा शक्तिशाली कम्‍प्‍यूटर है ।  सुपर कम्‍प्‍यूटर में सी.पी.यू. समान्‍तर क्रम में लगे हुए होते है । सुपर कम्‍प्‍यूटर की प्रोसेसिंग क्षमता तथा स्‍टोरेज के‍पेसिटि साधारण कम्‍प्‍यूटर की तुलना में कई अधिक होती है। इसका उपयोग वैज्ञानिक क्षेत्र में, इंजीनियरिंग क्षेत्र में व्‍यापक पैमाने पर गणितीय समस्‍याओं को हल करने में किया जाता है । अनेक क्षेत्रो जैसे इलेक्‍ट्रॉनिक, पेट्रोलियम, मानसून निर्धारण, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान इत्‍यादि क्षेत्रो में भी उपयोग किया जाता है ।

कंप्यूटर का पूरा नाम क्या है?

कंप्यूटर का पूरा नाम – COMPUTER 
C- Commonly
O- Operated
M- Machine
P- Particularly
U- Used
T- Technical
E- Educational
R-Research

कंप्यूटर किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?


कम्‍प्‍यूटर एक मशीन है जिसे मनुष्‍यों के द्वारा बनाया गया है । जिसका कार्य डाटा या सूचनाओं को ग्रहण करना तथा उसे प्रोसेस करके, परिणाम आउट पुट के रूप में प्रदान करना होता है । कम्‍प्‍यूटर अंग्रेजी के शब्‍द compute से बना है जिसका अर्थ गणना करना होता है । हिन्‍दी में कम्‍प्‍यूटर को “संगणक” भी कहते हैं । कम्‍प्‍यूटर की कार्य क्षमता सामान्‍य मनुष्‍य से कई ज्‍यादा होती है । इसकी स्‍मरण शक्ति भी मनुष्‍य की तुलना में अधिक होती है |
एप्‍लीकेशन के मुताबिक तीन प्रकार कम्‍प्‍यूटर  के होते है ।
1. एनालॉग कम्‍प्‍यूटर 
2. डिजिटल कम्‍प्‍यूटर 
3. हाइब्रिड कम्‍प्‍यूटर 



कंप्यूटर क्या है उसकी परिभाषा?

कम्‍प्‍यूटर एक इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइस है । जो Data तथा instruction को input के रूप में लेता है फिर उसे प्रोसेस करके एक fix format में output रिजल्‍ट के रूप में देता है ।

सबसे पहला कंप्यूटर का नाम क्या था?

सबसे पहले कम्‍प्‍यूटर का नाम ENIAC था । जिसका निर्माण 1945 में J. Presper Eckert और John Mauchly के द्वारा किया गया था ।  इलेक्‍ट्रॉनिक कम्‍प्‍यूटर ENIAC का फुल फॉर्म Electronic Numerical Integrator And Computer है ।

कंप्यूटर के पिता का नाम क्या है?

चार्ल्‍स बैबेज को कम्‍प्‍यूटर का पिता कहा जाता है । जो कि एक अंग्रेजी पॉलीमैथ, गणितज्ञ, दार्शनिक, आविष्‍कारक और मैकेनिकल इंजीनियर थे ।