कंप्यूटर मेमोरी क्या हैं और उसके प्रकार | Computer Memory in Hindi

What is Computer Memory | Types of Memory in hindi | Types of Computer Memory | कम्‍प्‍यूटर मेमोरी क्‍या है समझाइये

कम्‍प्‍यूटर मेमोरी क्या है ?

computer memory क्या है ? कितने प्रकार की होती है ?  कम्‍प्‍यूटर मेमोरी का इस्‍तेमाल Data, information, instructions को स्‍टोर करने के लिये किया जाता है । यह डाटा को स्‍थाई और अस्‍थाई दोनों रूप में स्‍टोर करता है ।

मेमोरी कम्‍प्‍यूटर का एक अहम हिस्‍सा होती है । मेमोरी अनेक सेल्‍स से मिलकर बनी होती है ।

 प्रत्‍येक सेल में एक बिट (0, 1) स्‍टोर करने की क्षमता होती है ।

कम्‍प्‍यूटर का एक अहम हिस्‍सा कम्‍प्‍यूटर मेमोरी का होता है ।

जिस प्रकार मनुष्‍य की यादें दिमाग में स्‍टोर होती है ।  उसी  प्रकार कम्‍प्‍यूटर अपना डाटा, information , प्रोग्राम आदि को अपने मेमोरी में स्‍टोर करके रखता है । जिसे कम्‍प्‍यूटर मेमोरी कहते है ।

मेमोरी अनेक सेल्‍स से मिलकर बनती है । प्रत्‍येक सेल में एक बिट, स्‍टोर करने की क्षमता होती है ।

कम्‍प्‍यूटर का वह भाग जिसका इस्‍तेमाल डाटा, information , प्रोग्राम को स्‍टोर करने  के लिये किया जाता है । computer memory कहलाता है ।

कम्‍प्‍यूटर मेमोरी कितने प्रकार की होती है  

Computer Memory दो प्रकार की होती है ।

1. प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)

जिसे इंटरनल मेमोरी (Internal Memory) या मेन मेमोरी (Main Memory) भी कहते हैं                                                                            

2. सेकण्‍डरी मेमोरी (Secondary Memory)

जिसे बेक अप (Backup) या ऑक्‍सीलिअरी मेमोरी (Auxiliary Memory) अथवा एक्‍सटर्नल मेमोरी (External Memory) भी कहते हैं ।                                                                               

            प्राइमरी मेमोरी कितने प्रकार की होती है ?

                  (Types Of Primary Memory)

प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) को मुख्‍य मेमोरी (Main Memory) भी कहते हैं । जो कम्‍प्‍यूटर के अन्‍दर होती है जिसके डेटा और निर्देशों का सी.पी.यू. द्वारा तीव्र और प्रत्‍यक्ष उपयोग होता है ।

प्राइमरी मेमोरी कम्‍प्‍यूटर का अहम हिस्‍सा होता है, जहां डाटा एवं प्रोग्राम प्रोसेसिंग के समय  उपलब्‍ध  रहते है । जरूरत पड़ने पर  डाटा एवं प्रोग्राम तत्‍काल उपस्थित हाे जाते हैं, प्राइमरी मेमोरी कहलाती है ।

प्राइमरी मेमोरी दो प्रकार की होती है ।

  • RAM (Random Access Memory)
  • ROM (Read Only Memory)

RAM (Random Access Memory)

computer memory RAM  फुल फार्म रेंडम एक्‍सेस मेमोरी  (Random Access Memory ) होता है  ।

यह मेमोरी डाटा प्रोसेसिंग के समय उपलब्‍ध होती है ।

RAM  को volatile  मेमोरी भी कहते है ।

मेमोरी में उपस्थित डाटा कम्‍प्‍यूटर  ऑन रहते तक ही स्‍टोर रहता है । जैसे ही कम्‍प्‍यूटर स्विच ऑफ होता है, मेमोरी में उपस्थित सम्‍पूर्ण डाटा अपने आप नष्‍ट हो जाता है । इ‍सलिए इसे अस्‍थाई मेमोरी Temporary Memory भी कहते हैं ।

कम्‍प्‍यूटर में enter की जाने वाली सूचना सर्वप्रथम इसी मेमोरी में स्‍टोर होती है ।  RAM  को तीन भागों में‍ विभाजित किया गया है । 

  1. Dynamic Memory
  2. Synchronous Dynamic Memory
  3. Static 

कम्‍प्‍यूटर का उपयोग करते समय RAM सबसे अधिक काम में लायी जाने वाली मेमोरी है  । जितनी बड़ी RAM होगी उतनी सारी एप्‍लीकेशन का यूज़  user एक साथ कर सकते है ।

1.   Dynamic Memory

डी-रेम D-RAM Mosjet और capacitors से बना होता है ।

इसकी गति मध्‍यम होती है ।

इसे बार-बार रिफ्रेश करने की आवश्‍यकता होती है जिसके कारण इसकी गति कम होती है । डाइनेमिक रेम स्‍टेटिक रेम की अपेक्षा सस्‍ती होती है ।

 2.  Synchronous Dynamic Memory

SD-RAM, D-RAM की अपेक्षा ज्‍यादा तेज होती है । यह सी.पी.यू. की घड़ी के अनुसार री‍फ्रेश होती है । इसलिए यह डाटा को तेजी से ट्रांसफर करती है ।

3.  Static RAM

Static RAM बायपोलर सेमी कंडक्‍टर मेमोरी तथा मेटल ऑक्‍साइड सेमी कंडक्‍टर से मिलकर बनी होती है ।

इसे बार-बार रिफ्रेश करने की आवश्‍यकता नहीं होती है । कम रिफ्रेश होने के कारण इसकी गति तीव्र होती है ।

यह मेमोरी डाटा को अधिक समय तक स्‍टोर रखती है । तीव्र गति से काम करने तथा डाटा को अधिक समय तक स्‍टोर करने के कारण महँगी होती है ।

ROM (Read Only Memory)

ROM का फुल फॉर्म रीड ऑनली मेमोरी (Read Only Memory) होता है ।

इस मेमोरी को कम्‍प्‍यूटर निर्माण करते समय ही कम्‍प्‍यूटर में स्‍टोर कर दिया जाता है ।

इसमें डाटा स्‍थायी रूप से स्‍टोर रहता है । इसे आप सिर्फ पढ़ सकते है परंतु उसमें परिवर्तन नहीं कर सकते ।

ROM में ऐसी information स्‍टोर रहती है ।

जिनका इस्‍तेमाल कम्‍प्‍यूटर परिचालन हेतु आवश्‍यक होता है ।

कम्‍प्‍यूटर का BIOS  (Basic Input Output) ROM का एक उदाहरण है ।

ROM को परमानेंट मेमोरी भी कहा जाता है । यह Non-Volatile मेमोरी कहलाती है ।

 तीन भागों में ROM को डिवाइड किया गया है ।

  1. PROM
  2. EPROM
  3. EEPROM

PROM – Programmable  Read Only Memory में एक बार डाटा स्‍टोर करने के बाद इसे मिटाया नहीं जा सकता । परिवर्तित नहीं किया जा सकता ।

EPROM – EPROM का फुल फॉर्म  Erasable Programmable Read Only Memory  है | इसमें डाटा को परिवर्तित किया जा सकता है । डाटा को मिटाने के लिये पराबैंगनी किरणों  (Ultraviolate light) का यूज़ किया जाता है । जिससे मेमोरी स्‍थान रिक्‍त हो जाता है । जिस पर प्रोग्राम अपनी इच्‍छानुसार लिखा जा सकता है । शोध एवं अनुसंधान के कार्यों मेंं  इस प्रकार की मेमोरी का अत्‍यधिक यूज़ किया जाता है ।

EEPROM – Electrically  Erasable Programmable Read Only Memory के अंतर्गत डाटा को विद्युतीय विधि द्वारा मिटाया जाता है । EEPROM,  EPROM   की अपेक्षा काफी सस्‍ता है । क्‍योंकि  EPROM  (Ultraviolate light) से डाटा को  Remove  करना थोड़ा महँगा होता है ।

           सेकण्‍डरी मेमोरी कितने प्रकार की होती है ? 

                 ( Types of Secondary Memory)

सेकण्‍डरी मेमोरी Storage  मेमोरी होती है ।

इस मेमोरी में डाटा को दीर्घकाल तक स्‍टोर करके रखा जा सकता है ।

सेकण्‍डरी मेमोरी कम लागत में अत्‍यधिक डाटा को स्‍टोर कर सकती है । जरूरत पड़ने पर इसे घटाया या बढ़ाया जा सकता है ।

द्वितीयक मेमोरी की गति अपेक्षाकृत कम होती है ।

किन्‍तु स्‍टोरेज क्षमता अधिक होने के कारण इसका इस्‍तेमाल वर्तमान समय में अधिक किया जाने लगा है ।

सेकण्‍डरी मेमोरी कम लागत में अत्‍यधिक सूचनाओं को स्‍टोर कर सकती है तथा इसका संरक्षण भी कर सकती है । 

  • फ्लॉपी डिस्‍क
  • हार्ड डिस्‍क
  • ऑप्टिकल डिस्‍क 

फ्लॉपी डिस्क   

फ्लॉपी डिस्‍क का उपयोग कम आकार की छोटी फाइलों को स्‍टोर करने के लिये किया जाता है । 

कम्‍प्‍यूटर से इंर्फोमेशन लेने के लिए फ्लॉपी डिस्‍क प्रयोग में लायी जाती है ।

फ्लॉपी डिस्‍क प्‍लास्टिक की बनी हुई होती है,  जिसका व्‍यास 20 सेमी. होता है ।

इस पर .007 सेमी. मोटी फेराइट की परत चढ़ी होती है । लचीले प्‍लास्टिक की बनी होने के कारण इसे फ्लॉपी डिस्‍क कहा जाता है । फ्लॉपी बहुत नाजुक होती है इसलिए इसे एक प्‍लास्टिक के कवर के अन्‍दर रखा जाता है ।

फ्लॉपी के बीच में एक छेद होता है जिसमें से होकर ड्राइव यूनिट की स्पिंडल फ्लॉपी डिस्‍क को घुमाती है ।  फ्लॉपी डिस्‍क के 5.25’’ और 3.5’’  दो साइज उपलब्‍ध हैं ।

दोनों साइज में डबल और हाइडेन्‍सिटी डिस्‍क रहती है । फ्लॉपी डिस्‍क की गति 360 rpm (Revolutions per minute) होती है । इसकी गति rpm में मापी जाती है ।

स्‍टेण्‍डर्ड फ्लॉपी डिस्‍क में 80 डेटा ट्रेक होते है । जिनमें प्रत्‍येक में 64 शब्‍द आ सकते है ।

फ्लॉपी डिस्‍क में डाटा रेंडमली स्‍टोर किया जाता है ।  जो भी डाटा आप पढ़ना चाहते है उसे आप पढ़ सकते है । इसके लिए आपको पूरा डाटा पढ़ने की आवश्‍यकता नहीं होती है ।

हार्ड डिस्‍क

हार्ड डिस्‍क का उपयोग बड़ी मात्रा में डाटा को स्‍टोर करने के लिये किया जाता है । हार्ड डिस्‍क फ्लॉपी डिस्‍क का ही विस्तृत रूप है । 

इसमें डाटा रेण्‍डमली स्‍टोर किया जाता है जिसके कारण इसकी गति भी तीव्र होती है ।

हार्ड डिस्‍क कम्‍प्‍यूटर के अंदर स्‍थायी रूप से लगी होती है । इसकी स्‍टोरेज केपेसिटी फ्लॉपी डिस्‍क के मुकाबले कई गुना (लगभग ढाई सौ गुना) होती है ।

 इसके अन्‍दर एक हार्ड एल्‍यू‍मीनियम डिस्‍क, जिस पर चुम्‍बकीय पदार्थ की परत चढी होती है ।‍

जिसका प्रयोग डाटा स्‍टोर करने के लिये होता है । यह बहुत नाजुक होती है इसलिए इसे धातु के धूल रहित केस में रखा जाता है ।  हार्ड डिस्‍क गति को rpm में मापा जाता है । इसमें ट्रेक और सेक्‍टर में डाटा स्‍टोर रहता है ।

एक सेक्‍टर में 512 बाईट डाटा स्‍टोर रहता है ।

हार्ड डिस्‍क ड्राइव में डाटा को स्‍टोर एवं पढ़ने के लिये तीन प्रकार का समय लगता है

सिक टाईम  – डाटा को रीड या राईट करने के लिए,  ट्रेक तक पहुँचने में लगा समय ।

लेटेंसी टाईम –  ट्रेक में डाटा को सेक्‍टर तक पहुँचने में लगा समय ।

ट्रांसफर टाईम –  सेक्‍टर में डाटा को लिखने एवं पढ़ने में लगा समय ।

ऑप्‍टिकल डिस्‍क 

ऑप्टिकल डिस्क पॉली कार्बोनेट की बनी होती है ।

यह डाटा को डिजिटली कोड 0 और 1 की एक श्रृंखला में स्‍टोर करती है ।

इसका नाम ऑप्टिकल डिस्‍क प्रकाश तकनीक के कारण पड़ा । प्रकाश पर आधारिक तकनीक है ।

इसमें डाटा को रीड और राइट करने के लिये लेजर प्रकाश का उपयोग किया जाता है ।

सीडी

डीवीडी

ब्‍लू रे 

यूएसबी फ्लैश ड्राइव

जिसे पेन ड्राइव भी कहते है । वर्तमान समय में फ्लैश ड्राइव पॉपुलर और पोर्टेबल सेकंडरी मेमोरी डिवाइस है ।

यह कम्‍पयूटर में यूएसबी पोर्ट के माध्‍यम से जोड़ी जाती है । इसका प्रयोग वीडियो, ऑडियो, डॉक्‍यूमेंट आदि को स्‍टोर करने के लिए किया जाता है ।

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धन्‍यवाद ।