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परिचय
कंप्यूटर में डेटा प्रतिनिधित्व (Data Representation) एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जो यह निर्धारित करती है कि कंप्यूटर डेटा को किस प्रकार संग्रहीत और संसाधित करता है। कंप्यूटर केवल बाइनरी (0 और 1) में डेटा को समझता है और उसे विभिन्न स्वरूपों में संग्रहीत करता है। यह लेख कंप्यूटर विज्ञान में डेटा प्रतिनिधित्व के विभिन्न प्रकारों, उनके महत्व और उपयोग पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।
1. कंप्यूटर में डेटा प्रतिनिधित्व के प्रकार
कंप्यूटर में डेटा को कई विभिन्न स्वरूपों में प्रस्तुत किया जाता है। मुख्यतः यह निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:
(क) संख्यात्मक डेटा (Numeric Data Representation)
संख्यात्मक डेटा को विभिन्न विधियों से प्रस्तुत किया जाता है, जैसे:
- दशमलव संख्या प्रणाली (Decimal Number System – Base 10): यह सामान्य संख्या प्रणाली है जिसमें 0 से 9 तक के अंक होते हैं।
- बाइनरी संख्या प्रणाली (Binary Number System – Base 2): इसमें केवल दो अंक होते हैं – 0 और 1। कंप्यूटर सभी गणनाएँ बाइनरी में करता है।
- ऑक्टल संख्या प्रणाली (Octal Number System – Base 8): इसमें 0 से 7 तक के अंक होते हैं और यह बाइनरी संख्याओं को संक्षेप में प्रस्तुत करने के लिए उपयोग की जाती है।
- हेक्साडेसिमल संख्या प्रणाली (Hexadecimal Number System – Base 16): इसमें 0 से 9 और A से F तक के अक्षर होते हैं। यह बाइनरी को छोटा और पढ़ने में आसान बनाने के लिए प्रयोग की जाती है।
(ख) वर्णमाला डेटा (Character Data Representation)
कंप्यूटर में अक्षरों, संख्याओं और विशेष चिह्नों को स्टोर करने के लिए विभिन्न कोडिंग प्रणालियों का उपयोग किया जाता है। प्रमुख कोडिंग प्रणालियाँ निम्नलिखित हैं:
- ASCII (American Standard Code for Information Interchange): यह 7-बिट कोडिंग प्रणाली है जिसमें कुल 128 वर्ण हो सकते हैं।
- Unicode: यह एक अधिक उन्नत प्रणाली है जो विभिन्न भाषाओं और स्क्रिप्टों का समर्थन करती है।
- EBCDIC (Extended Binary Coded Decimal Interchange Code): मुख्यतः आईबीएम (IBM) मेनफ्रेम कंप्यूटरों में उपयोग की जाने वाली कोडिंग प्रणाली है।
(ग) ग्राफिकल डेटा (Graphical Data Representation)
कंप्यूटर में चित्रों, ग्राफ़ और अन्य ग्राफिकल डेटा को स्टोर करने के लिए विभिन्न प्रारूपों का उपयोग किया जाता है:
- रास्टर ग्राफिक्स (Raster Graphics): यह पिक्सल आधारित चित्र होते हैं, जैसे JPEG, PNG, और BMP।
- वेكتور ग्राफिक्स (Vector Graphics): इसमें गणितीय समीकरणों के आधार पर चित्र बनाए जाते हैं, जैसे SVG और AI फ़ाइलें।
(घ) ध्वनि और वीडियो डेटा (Audio and Video Data Representation)
ध्वनि और वीडियो डेटा को डिजिटल रूप में संग्रहीत करने के लिए संपीड़न तकनीकों का उपयोग किया जाता है:
- MP3, WAV, और AAC – ध्वनि डेटा के सामान्य प्रारूप हैं।
- MP4, AVI, और MKV – वीडियो डेटा के सामान्य प्रारूप हैं।
2. बाइनरी डेटा प्रतिनिधित्व (Binary Data Representation)
(क) बिट्स और बाइट्स (Bits and Bytes)
- बिट (Bit): बाइनरी डिजिट का संक्षिप्त रूप, जो 0 या 1 हो सकता है।
- बाइट (Byte): 8 बिट्स का समूह, जो एक वर्ण (Character) को संग्रहीत करता है।
- किलोबाइट (KB), मेगाबाइट (MB), गीगाबाइट (GB), टेराबाइट (TB): डेटा संग्रहण के माप की इकाइयाँ।
(ख) डेटा स्टोरेज और मेमोरी यूनिट्स
इकाई | बाइट्स |
---|---|
1 KB | 1024 बाइट्स |
1 MB | 1024 KB |
1 GB | 1024 MB |
1 TB | 1024 GB |
3. डेटा कोडिंग सिस्टम (Data Encoding Systems)
(क) BCD (Binary-Coded Decimal)
BCD में प्रत्येक दशमलव अंक को 4-बिट बाइनरी में परिवर्तित किया जाता है।
(ख) ग्रे कोड (Gray Code)
ग्रे कोड में दो संख्याओं के बीच केवल एक बिट का अंतर होता है, जिससे त्रुटि की संभावना कम हो जाती है।
(ग) हफ़मैन कोडिंग (Huffman Coding)
यह एक संपीड़न तकनीक है जो डेटा को कुशलतापूर्वक संग्रहीत करने के लिए प्रयोग की जाती है।
4. डेटा प्रतिनिधित्व का महत्व
- संग्रहण क्षमता बढ़ाना: डेटा को संक्षिप्त और प्रभावी रूप से संग्रहीत करने में सहायता करता है।
- प्रसंस्करण गति में वृद्धि: सही डेटा प्रारूप कंप्यूटर की गति और दक्षता बढ़ाता है।
- संचार दक्षता: डेटा संपीड़न और कुशल रूपांतरण डेटा संचार को अधिक प्रभावी बनाता है।
निष्कर्ष
डेटा प्रतिनिधित्व कंप्यूटर विज्ञान का एक अनिवार्य भाग है जो यह निर्धारित करता है कि डेटा को कैसे संग्रहीत, संसाधित और साझा किया जाता है। विभिन्न प्रकार की संख्या प्रणालियाँ, कोडिंग प्रणालियाँ और डेटा प्रारूप कंप्यूटर की दक्षता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उचित डेटा प्रतिनिधित्व से न केवल सिस्टम की कार्यक्षमता में सुधार होता है, बल्कि स्टोरेज और प्रोसेसिंग को भी कुशल बनाया जाता है।