Input Device Kya Hai in hindi | Types of Input Device

इनपुट डिवाइस (INPUT DEVICES )

What is Input device in Hindi (Input Device Kya Hai ?)

आज हम INPUT DEVICE KYA HAI in Hindi इसके बारें में अध्‍ययन करने जा रहे है । कम्‍प्‍यूटर किसे कहते है ये कितने प्रकार के होते है यह हमनें पिछली पोस्‍ट में पढ़ा था ।

कम्‍प्‍यूटर के बारें में तो हमने अध्‍ययन कर लिया पर कम्‍प्‍यूटर को ऑपरेट कैसे करें किन-किन माध्‍यम से हम इसे ऑपरेट कर सकते है कंट्रोल कर सकते है आज यह भी जान लेते है।

कुछ इलेक्‍ट्रॉनिक्स डिवाइस, कम्‍प्‍यूटर के अलावा भी होती है जिसके माध्‍यम से हम कम्‍प्‍यूटर को कमांड देते है । कम्‍प्‍यूटर पर अपने अनुसार प्रोग्राम Run करवाने या टेक्‍स लिखने किसी सॉफ्टवेयर को ऑपरेट करने के लिये  ही इनपुट  डिवाइसेस का प्रयोग किया जाता है । इनपुट डिवाइस के प्रयोग से हम कम्‍प्‍यूटर से आसानी से सीधे इंटरेक्‍ट कर सकते है ।    

कम्‍प्‍यूटर को कंट्रोल, operate करने के लिये या उसमें कोई भी डेटा इनपुट करने के लिये हमें किसी ना किसी उपकरण की जरूरत  पड़ती है । जिस माध्‍यम या उपकरण से कम्‍प्‍यूटर को कंट्रोल कर सकते है उस माध्‍यम को इनपुट डिवाइस कहते है ।

कम्‍प्‍यूटर में कोई भी डाटा या प्रोग्राम इंसर्ट करने के लिये किसी ना किसी युक्ति (उपकरण) की आवश्‍यकता होती है । उस युक्ति या उपकरण को ही इनपुट डिवाइस कहते है ।

Types of input devices in hindi 

Key Board Input Device Kya Hai

सबसे ज्‍यादा use किया जाने वाला इनपुट डिवाइस है । यह पुराने जमाने के Type writer की तरह ही होता है । इसका उपयोग कम्‍प्यूटर में Text टाइप करने के लिये किया जाता है । डॉक्‍यूमेंट फाइल बनाने के लिये, प्रोजेक्‍ट तैयार करने के लिये, प्रोग्राम लिखने के लिये सर्वाधिक उपयोग किया जाने वाला उपकरण Key board  है ।

Key board में वर्तमान समय में 104 keys लगी होती है । कम्‍प्‍यूटर को आप की-बोर्ड  की सहायता से आसानी से Operate कर सकते है ।  इसमें कई प्रकार की key लगी होती है ।

की-बोर्ड में हर प्रकार की बटन लगी होती है ।

  • Alphabets keys
  • Numeric keys
  • Functional keys
  • Arrow keys
  • Character keys
  • Special keys

Albhabate keys :

अल्‍फाबेट की में समस्त लेटर निम्‍न प्रकार से लिखे होते है । A-Z अल्‍फाबेट key के ऊपर लिखे होते है । सामान्‍यत: लेटर a-z (lower case) में टाइप होते है । यदि आपको upper case में लेटर टाइप करना है तो आप प्रत्‍येक लेटर को शिफ्ट की के साथ प्रेस करेंगे तो लेटर अपर केस में टाइप होगा । same condition यदि सभी लेटर केप्‍स लॉक ऑन करके अपर केस में टाइप करते हैं । यदि in case आपको लोअर केस में एक लेटर लिखना है तो आपको शिफ्ट के साथ केप्‍स लेटर टाइप करेंगे तो लोअर केस में लिखा होगा ।

आप चाहें तो केप्‍स लॉक key press करके सभी लेटर को अपर केस में लिख सकते हैं ।

Example : shift + s = S

                Shift + S = s

Numeric keys :

की-बोर्ड में ऊपर स्‍पेशल की के साथ न्‍यूमेरिक नंबर 0-9 लिखे होते है ।

अलग से की बोर्ड में न्‍यूमेरिक की का सेक्‍शन होता है ।

Function keys :

 key board में फंक्‍शन key कुल 12 होती है F1-F12 इनका उपयोग भिन्‍न- भिन्‍न सॉफ्टवेयर में अलग-अलग होता है ।

Arrow  keys  :

यह keys कर्सर को लेफ्ट-राइट अप-डाउन करने के काम आती है । 

        Left arrow  का यूज़ कर्सर को लेफ्ट साइड move करने के लिये प्रयोग होता है ।

           Right arrow का यूज़ कर्सर को राइट साइड move करने के लिये प्रयोग होता है ।

                Up arrow का यूज़ कर्सर को ऊपर साइड move करने के लिये प्रयोग होता है ।

                          Down arrow का यूज़ कर्सर को नीचे साइड move करने के लिये प्रयोग किया जाता है ।

Character keys : 

करेक्‍टर की विशेष प्रकार की कुंजियाँ होती हैं जिसका उपयोग विभिन्‍न symbols को प्रदर्शित करने के लिये किया जाता है । जैसे  !,@,#,$,%,^,*,(,) आदि ।

Special keys :

 

Enter key : इंटर की का प्रयोग प्रोग्राम निर्देश   देने (command execution) के लिये किया जाता है । next line के लिये भी इंटर की का प्रयोग किया जाता है ।

Back space : इस की का प्रयोग अक्षरों को बायीं ओर से एक-एक कर मिटाने के लिये किया जाता है । कर्सर मिटात हुए बायीं ओर मूव करता है ।

Spacebar : स्‍पेस बार कम्‍प्‍यूटर की सबसे लम्‍बी  की होती है । इसका उपयोग एक अक्षर के बराबर स्‍पेस देने के लिये किया जाता है ।

Delete : इस की का प्रयोग अक्षर को दायीं ओर से डिलीट करने के लिये किया जाता है ।

Insert key :   इसर्ट मोड ऑन या ऑफ के लिये इस की का इस्‍तेमाल किया जाता है ।

Tab :  टेब की का प्रयोग टेबल में तथा बॉक्‍स में एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान  में जाने के लिये किया जाता है ।

Esc : इस key का प्रयोग किसी भी कमांड को केंसल करने के लिये करते है । सॉफ्टवेयर से बाहर निकलने के लिये esc key का प्रयोग करते है ।

Alt,Ctrl,Shift :  इन की का प्रयोग किसी दूसरी की के साथ किया जाता है ।

NumLock : नंबर की का प्रयोग न्‍यूमेरिक की को ऑन करने या ऑफ करने के लिये किया जाता है ।

 Home key  : होम की के प्रयोग से कर्सर  लाईन के शुरू में पहुंच जाता है । 

Page up, page down key : इस की के प्रयोग  पेज ऊपर की तरफ मूव करता है । जबकि पेज डाऊन की के प्रयोग से पेज नीचे की तरफ मूव करता है ।    

End : इस की की मदद से कर्सर लाइन के अंत में पहुंच जाता है ।

Window logo : इस की का प्रयोग स्‍टार्ट मेनू ओपन और क्‍लोज़ करने के लिये किया जाता है ।

माऊस क्‍या है ? what is mouse in hindi

की बोर्ड से हम टेक्‍स्‍ट तो इनपुट कर सकते है परंतु स्‍क्रीन पर कर्सर आसानी से कंट्रॉल करना किसी ऑब्‍जेक्‍ट को सलेक्‍ट इत्‍यादि कार्य आसान बनाने के लिये माऊस का निर्माण किया गया ।

Mouse Input Device Kya hai ?:

माऊस pointing type डिवाइस है । जिसे Pointing Device भी कहा जाता है ।  जिसका प्रयोग स्‍क्रीन पर किसी भी Object को Point  करने के लिये किया जाता है । माऊस की सहायता से आप कर्सर को अपने अनुसार स्‍क्रीन पर कहीं भी मूव कर सकते है । माऊस कम्‍प्‍यूटर से केबल के द्वारा जुड़ा हुआ होता है । वर्तमान समय में वायरलेस माऊस का प्रचलन अधिक है ।

माऊस में तीन पार्ट होते है । जिसमें लेफ्ट साइड एक बटन बीच में स्‍क्रॉल व्‍हील और राइट साइड में दूसरी बटन होती है ।

किसी ऑब्‍जेक्‍ट को सलेक्‍ट करने के लिये लेफ्ट साइड की बटन का यूज़ किया जाता है । किसी फोल्‍डर या किसी भी आइकॉन को लेफ्ट साइड डबल क्लिक से ओपन कर सकते है । जैसे क्रोम ब्राउज़र पर आप लेफ्ट साइड डबल क्लिक करेंगे तो वह ब्राउज़र ओपन हो जाएगा ।

किसी भी आइकॉन को माऊस से राइट क्लिक करने पर क्लिपबोर्ड ओपन होगा । जिसमें ओपन, ओपन विद, कट, कॉपी, पेस्‍ट, प्रोपर्टी ये सभी प्रकार के ऑप्‍शन मौजूद होंगे । जिसकी सहायता से आप अपनी इच्‍छानुसार ऑप्‍शन सलेक्‍ट कर ऑपरेट कर सकती हैं ।

दो बटनों के बीच में व्‍हील लगी होती है जिससे आप पेज को अप और डाऊन कर सकते है । स्‍क्रॉल बार की तरह यूज़ कर सकते हैं । 

माऊस के कार्य

  • स्‍क्रीन पर कर्सर को मूव करवाना ।
  • सलेक्‍टेड ऑब्‍जेक्‍ट को ओपन करना ।
  • टेक्‍स्‍ट सलेक्‍ट एवं हाइलाइट करने के लिये ।
  • ड्रेग एण्‍ड ड्रॉप ऑपरेशन । मतलब किसी भी ऑब्‍जेक्‍ट को एक स्‍थान से हटाकर किसी दूसरे स्‍थान पर ले जा कर रखना ड्रेग एण्‍ड ड्रॉप कहलाता है ।
  • स्‍क्रॉल करना । किसी भी पेज को आप स्‍क्रॉल कर सकते है । ऊपर से नीचे की तरफ या नीचे से ऊपर की तरफ ।
  • जब आप किसी भी ऑबजेक्‍ट के ऊपर कर्सर को लायेंगे तो उस ऑब्‍जेक्‍ट से संबंधित जानकारी आपको शो होगी ।

माऊस के प्रकार

  • मेकेनिकल माऊस
  • ऑप्‍टिकल माऊस
  • वायरलेस माऊस

मेकेलिनकल माऊस : मैकेनिकल माऊस के निचले भाग में रबर की गेंद लगी होती है । जब माउस को मेट पर या किसी सतह पर घुमाया जाता है तो गेंद खोल के अंदर ही घुमजी है  जैसे-जैसे गेंद घुमती है उसके अंदर के सेंसर्स कंप्‍यूटर को सिग्‍नल देते हैं ।

ऑप्‍टिकल माऊस : ऑप्टिकल माउस में रबर बॉल की जगह एक छोटे से LED बल्‍ब का इस्‍तेमाल होता है । ऑप्टिकल माऊस में नीचे की तरफ LED बल्‍ब लगा होता है इसके साथ ही इसमें ऑप्टिकल सेंसर, डिजिटल सिग्‍नल प्रोसेसिंग  DSP का प्रयोग मूवमेंट डिटेक्‍शन के लिये किया जाता है ।

वायरलेस माऊस : वायरलेस का मतलब बिना वायर के । बिना केबल का माऊस का प्रयोग किया जाता है । इसमें  वर्तमान समय में वायरलेस माऊस का भी प्रचलन है । माऊस को कम्‍प्‍यूटर से कनेक्‍ट करने के लिये रिसीवर का प्रयोग किया जाता है । कम्‍प्‍यूटर के यूएसबी पोर्ट में रिसीवर लगा होता है । जो सिग्‍नल रिसीव करता है तथा उसके अनुसार कार्य करता है ।

लाइट पेन (Light Pen):

लाइट पेन एक प्‍वॉन्‍टिंग डिवाइस है जो एक पेन की तरह दिखाई देता है । इसकी सहायता से हम कम्‍प्‍यूटर स्‍क्रीन पर कुछ भी लिख सकते है । चित्र बना सकते है ।  इस पेन के अंदर फॉटोसेल और ऑप्टिकल सिस्‍टम उपस्थित रहते है ।

जब भी लाइटपेन को स्‍क्रीन पर मूव करते है तब पेन में मौजूद फॉटोसेल स्क्रीन की लोकेशन को डिटेक्‍ट करता  है और उस  लोकेशन के अनुसार सिग्‍नल को सी.पी.यू के पास भेजता है ।

स्‍केनर (Scanner):

स्‍केनर का प्रयोग किसी भी हार्ड कॉपी को सॉफ्ट कॉपी में परिवर्तित करने के लिये यूज़ किया जाता है । हम किसी भी डॉक्‍यूमेंट या इमेज को स्‍केनर की मदद से स्‍केन करके उसे अपने कम्‍प्‍यूटर पर डिजीटल रूप में परिवर्तित कर सुरक्षित कर सकते है ।

हार्ड कॉपी को एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान तक पहुंचाने में समय लगता है । जबकि स्‍केनर की मदद से आप हार्डकॉपी को स्‍केन करके उसे सॉफ्टकॉपी में परिवर्तित कर ई-मेल के माध्‍यम से कहीं भी आसानी से मिनटों में पहुंचा सकते है ।

माइक्रोफोन (Microphone):

माइक्रो फोन भी एक इनपुट डिवाइस है जिसका प्रयोग आवाज मतलब वॉइस को रिकार्ड करने के लिये किया जाता है । यह साउंड को डिजीटली रूप में कन्‍वर्ट करता है । इसका प्रयोग मूवी निर्माण में , ऑडियो रिकार्डिंग में किया जाता है ।

इसके अलावा और भी इनपुट डिवाइसेस होती है जैसे

  • मेग्‍नेटिक इंक करेक्‍टर रीडर (MICR)
  • ऑप्टिकल कैरेक्‍टर रीडर  (OMR)
  • ऑप्टिकल मार्क रीडर (OCR)
  • बार कोड रीडर (Bar code)
  • कोड रीडर (Code Reader)
  • डिजिटल कैमरा (Digital Camera) 

आज हमने Input Device Kya Hai ?  के बारें में सीखा । आपको यदि यह पोस्‍ट अच्‍छी लगी हो तो कृपया इसे अपने अन्‍य दोस्‍तों में भी शेयर करें ।