The function of Operating System in Hindi | ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य

Operating System के कार्य

Operating System क्‍या है कितने प्रकार के होते है ? इसके बारें में हम पिछली पोस्‍ट में पढ़ चुके हैं यदि आपने उस पोस्‍ट को नहीं पढ़ा हो तो कृप्‍या उसे भी एक बार अवश्‍य पढ़े । आज हम ऑपरेटिंग सिस्‍टम के कार्य (Function of Operating System) के बारें में अध्‍ययन करेंगे ।

ऑपरेटिंग सिस्‍टम क्‍या है ?

ऑपरेटिंग सिस्‍टम यूज़र और कम्‍प्‍यूटर के बीच का Interface हैं जो यूज़र को कम्‍प्‍यूटर से कनेक्‍ट करने में मदद करता है । तथा यह एप्‍लीकेशन प्रोग्राम को रन (execute) कराने के लिये platform प्रोवाइड करता है । कम्‍प्‍यूटर के ऑन होने से लेकर उस पर कार्य करने तथा प्रोग्राम को रन कराने इत्‍यादि कार्य ऑपरेटिंग सिस्‍टम की मदद से ही संभव हो पाता है । बिना ऑपरेटिंग सिस्‍टम यूज़र कम्‍प्‍यूटर का इस्‍तेमाल नहीं कर सकते । ना ही उसके हार्डवेयर का इस्‍तेमाल कर सकते हैं । ऑपरेटिंग सिस्‍टम इन सभी रिसोर्स को मैनेज करने का कार्य करता है ।  यदि ऑपरेटिंग सिस्‍टम कम्‍प्‍यूटर में ना हो तो हम कम्‍प्‍यूटर का उपयोग ही नहीं कर पायेंगे । ना ही उसके हार्डवेयर को कंट्रोल कर पायेंगे । हार्डवेयर मैनेजमेंनट, फाइल मैनेजमेंट, प्रोसेस मैनेजमेंट यह सब कार्य ऑपरेटिंग सिस्‍टम का ही है ।

आइये अब हम आगे Function of Operating System के बारें में अध्‍ययन करते हैं ।

  ऑपरेटिंग सिस्‍टम के मुख्‍य कार्य क्‍या है ? (Function of Operating System)

  1. Memory Management (मेमोरी मैनेजमेंट)
  2. Process Management (प्रोसेस मैनेजमेंट)
  3. File management (फाइल मैनेजमेंट)
  4. Security Management (सिक्‍योरिटी मैनेजमेंट )
  5. I/O Device Management (इनपुट आउटपुट मैनेजमेंट)

Memory Management (मेमोरी मैनेजमेंट)

मेमोरी मैनेजमेंट ऑपरेटिंग सिस्‍टम का मुख्‍य कार्य होता है जो कि यह ध्‍यान रखता है कि मेमोरी के किस भाग का इस्‍तेमाल किया जा रहा है और कौन सा स्‍थान खाली है ।

मल्‍टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम में OS यह सुनिश्‍चित करता है कि किस प्रोसेस को कब और कितनी मेमोरी देनी है ।

जब प्रोग्राम एक्‍ज़ीक्‍यूशन समाप्‍त हो जाता है तो मेमोरी से प्रोग्राम टर्मिनेट हो जाता है तथा मेमोरी स्‍पेस रिक्‍त हो जाता है नये प्रोसेस के लिये ।

ऑपरेटिंग सिस्‍टम यह decide करता है कि अब किस प्रोसेस को मेमोरी में स्‍थान देना है प्रोसेस एक्‍ज़ीक्‍यूशन के लिये ।

मेमोरी मैनेजमेंट में ऑपरेटिंग सिस्‍टम यह सुनिश्‍चित करता है कि  किस प्रोग्राम को कब कितनी मेमोरी प्रोवाइड करनी है । या मेमोरी का कौन सा हिस्‍सा किस प्रोसेस द्वारा यूज़ किया जा रहा है ।

Memory Management में मेमोरी allocation दो प्रकार से किया जाता है ।

Fixed Size Partition Allocation :- इस प्रकार के मेमोरी एलोकेशन में प्रत्येक प्रोसेस को समान मेमारी प्रोवाइड की जाती है ।

Variable Size Partition allocation :- इस प्रकार के मेमोरी एलोकेशन में प्रत्‍येक प्रोसेस को उसके कार्य के अनुसार मेमोरी प्रोवाइड की जाती है ।

Process Management (प्रोसेस मैनेजमेंट)

ऑपरेटिंग सिस्‍टम का कार्य प्रोसेस execution के समय उसको resources allocate कराना होता है ।

प्रोग्राम जब execute हो रहा होता है तब उसे प्रोसेस कहते है । किसी भी कार्य (task) या Process को Complete करने के लिये उसे कम्‍प्‍यूटर resources (CPU Time, Memory, Files, I/O Device आदि ) की आवश्‍यकता होती है ।

ऑपरेटिंग सिस्‍टम यह भी सुनिश्‍चित करता है कि किस प्रोसेस को कितने समय तक रिसोर्सेस उपलब्‍ध कराना है । task complete होने पर रिसोर्सेस को deallocate करना भी ऑपरेटिंग सिस्‍टम का ही कार्य होता है ।

Process State

       जब कोई प्रोसेस एक्‍ज़ीक्‍यूट हो रही होती है तब उसे कई स्‍टेज से गुजरना होता है इसे ही प्रोसेस स्‍टेट कहते हैं ।

  1. New :- यह प्रोसेस की शुरूआती स्‍टेज होती है जब प्रोसेस क्रिएट होती है ।
  2. Ready :- इस स्‍टेज में प्रोसेस ready हो जाती है और प्रोसेसर के मिलने का इंतजार करती है । ऑपरेटिंग सिस्‍टम का कार्य प्रोसेस को प्रोसेसर एलोकेट कराना होता है । ताकि वह रन हो सके ।
  3. Running :- इस स्टेज में प्रोसेस रन कर रही होती है । तथा प्रोसेसर इसके (Process) Instruction के अनुसार execute करता है ।
  4. Waiting :- प्रोसेस I/O रिसोर्सेस का wait करती है ।
  5. Terminate :- जब प्रोसेस execution समाप्‍त हो जाता है । तब ऑपरेटिंग सिस्‍टम के द्वारा इस प्रोसेस को Terminate कर दिया जाता है ।

File management (फाइल मैनेजमेंट)

Operating System डाटा को सेकण्‍डरी स्‍टोरेज डिवाइस में फाइल्‍स के रूप में स्‍टोर करने का कार्य करती है । ऑपरेटिंग सिस्‍टम इन फाइल्‍स को मैनेज करता है । तथा जरूरत पड़ने पर यूज़र की इच्‍छानुसार उसे फाइल ओपन करना होता है ।

कम्‍प्‍यूटर में दो प्रकार की फाइल होती है । एक सिस्‍टम फाइल दूसरी यूज़र फाइल । सिस्‍टम फाइल ऑपरेटिंग सिस्‍टम द्वारा क्रिएट की हुई फाइल होती है । तथा यूज़र फाइल यूज़र द्वारा बनाई गयी फाइल्स होती है । ऑपरेटिंग सिस्‍टम यूज़र को कौन सी फाइल्‍स कहां रखी है इसकी जानकारी देता है । जब यूज़र को उस फाइल की आवश्‍यकता होती है तो उसके आदेश पर उस फाइल को ओपन कर देता है ।

फाइल मैनेजमेंट में ऑपरेटिंग सिस्‍टम के कार्य 

  1. File को Create और Delete करना ।
  2. Directories को Create और Delete करना ।
  3. फाइल को सेकेण्‍डरी स्‍टोरेज डिवाइस में सेव करना तथा यूज़र के आदेश पर ओपन करना ।

 

Security Management (सिक्‍योरिटी मैनेजमेंट )

ऑपरेटिंग सिस्‍टम सिक्‍योरिटी प्रोवाइड करता है । जिससे यूज़र का डाटा सुरक्षित रहता है । यह प्रोग्राम व डाटा को इस प्रकार मैनेज करता है जिससे एक प्रोग्राम दूसरे में दखल ना दे सके  फाइल की सुरक्षा भी OS Provide करता है । कम्‍प्‍यूटर में पासवर्ड की फैसिलिटि भी इसके द्वारा ही दी जाती है । जिससे कि unknown यूज़र लॉगिन नहीं कर पाते ।

आजकल के ऑपरेटिंग सिस्‍टम Firewall का इस्‍तेमाल सिस्‍टम को सुरक्षित करने के लिये किया जाता है । जो कि सिस्‍टम में हो रही प्रत्‍येक गतिविधि पर नज़र रखता है । यदि उसे कोई भी खतरा महसूस होता है तो उस गतिविधि को तुरंत ब्‍लॉक कर देता है ।

आज हमने Function of Operating System के बारें में अध्‍ययन किया । यदि आपको हमारी यह कोशिश पसंद आयी हो तो कृप्‍या इसे अपने दोस्‍तों तक अवश्‍य शेयर करें । जानकारी के लिये यदि आपको और भी about shiksha, education and motivation but real fact को पढ़ने या अपनी तैयारी में मदद कर सके तो आप हमारे ब्‍लॉग eagledyna पर पहुंच सकते हैं ।

Input Output Device Management (इनपुट आउटपुट डिवाइस मैनेजमेंट)

ऑपरेटिंग सिस्‍टम कम्‍प्‍यूटर से कनेक्‍ट हर हार्डवेयर डिवाइस को मैनेज करने का कार्य करता है । जैसे मॉनीटर, माऊस, कीबोर्ड, कार्ड‍ रीडर इत्‍यादि ।

सभी हार्डवेयर डिवाइस को allocate और de-allocate  करने का कार्य भी OS करता है ।