Internet Kya hai ? | Application of Internet in Hindi

इंटरनेट दो अलग-अलग शब्‍दों से मिलकर बना है जिसमें इंटर का मतलब आपस में तथा नेट का मतलब जाल होता है । आसान भाषा में कहें तो इंटरनेट आपस में जुड़े हुए कम्‍प्‍यूटर नेटवर्क का एक जाल है जिसमें लाखों करोड़ों की संख्‍या में कम्‍प्‍यूटर आपस में नेटवर्क के माध्‍यम से जुड़े हुये है । जिसमें कई सारी सूचनाओं का आदान प्रदान वेब पेज के रूप में होता है । इंटरनेट नेटवर्क  में ही कई सारी सूचनायें, ऑडियो, विडियो, टेक्‍स्‍ट फाइल आदि विद्यमान रहती है । जिसका आदान-प्रदान एक कम्‍प्‍यूटर से दूसरे कम्‍प्‍यूटर ऐसे ही कई सारे कम्‍प्‍यूटर के बीच router तथा Server के माध्‍यम से होता रहता है ।

Application of Internet –

Business on Internet –

इंटरनेट पर जिस हम सामान्‍य भाषा में ऑनलाइन कहते हैं । ऑनलाइन बिज़नेस करने के कई सारे लाभ है ।

कम पूँजी की आवश्‍यकता

Offline या पारम्‍परिक तरीके से किये जाने वाले व्‍यापार अपेक्षाकृत अपेक्षा online किये गये कार्य में किसी बड़े Infrastructure की आवश्‍यकता नहीं होती है । इसे आप अपने कम्‍पयूटर अथवा मोबाइल से ही घर बैठे ऑपरेट कर सकते हैं ।

आज टेक्‍नॉलाजी का युग है जहां हम हर कार्य घर बैठे कर सकते हैं । वैसे भी आज की तारीख में कोरोना महामारी ने हमें Work from home जैसे शब्‍दों से अवगत कराया । जिसका मतलब घर से ही अपना कार्य करना होता है ।

ऑनलाईन वर्क में हमें वर्कर हायर करने की आवश्‍यकता नहीं होती है । आप चाहे तो अकेले ही घर पर रहकर अपना कार्य आसानी से कर सकते हैं ।

इंटरनेट पर कार्य करने के दौरान हमें पेपर वर्क की आवश्‍यकता न के बराबर होती है । आज हर कोई व्‍यक्ति जिसका बिज़नेस ऑफलाइन क्‍यों ना हो हर इंसान अपने कार्य की ऑनलाइन Presence भी चाहता है ।

बैठकें (Meetings) –

इंटरनेट के माध्‍य से ही video conferencing possible हो पायी है । कोरोना महामारी के समय Webinar (विडियों कॉन्‍फ्रे‍सिंग) का उपयोग सबसे ज्‍यादा हुआ । जिसमें Zoom app, Google meet के जरिये कई सारे Webinar तथा online education तथा government की कई सारी बैठके भी इसी इंटरनेट के माध्‍य से ही संभव हो पायी ।

पत्र-व्‍यवहार (Correspondence) –

इंटरनेट का उपयोग डिजिटली information को send करने तथा Receive करने के लिये किया जाता है । जिसका उपयोग कोई आदेश या नोटिस मुख्‍य कार्यालय से सभी शाखाओं को तत्‍काल भेजा जा सकता है तथा तुरंत ही इसका उत्‍तर भी पाया जा सकता है । कार्यालय अपनी रिपोर्ट भेजने तथा रिसिव करने के लिये भी इंटरनेट का प्रयोग होता है । इसे ऐसे भी समझ सकते है कोरोना महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया अपने घरों में कैद थी तब इंटरनेट ही मात्र एक ऐसा साधन था जिसने पूरी दुनिया को एक साथ जोड़े रखा । इसी इन्‍टरनेट के माध्‍यम से ही कई लोगों की जिन्‍दगियाँ  बचायी गई ,उन्‍हें तत्‍काल मेडिकल सुविधा उपलब्‍ध करायी  गयी  । इंटरनेट की सहायता से ही हर इंसान अपने आस-पास की जानकारी प्राप्‍त कर पा रहा था ।

Internet से लाभ –

वर्तमान समय में सबसे ज्‍यादा उपयोग इंटरनेट का हो रहा है । बच्‍चों की शिक्षा हो चाहे दफ्तर का कारोबार सब कुछ घर बैठकर ही किया जा रहा है । कोरोना महामारी ने हमें ऑनलाइन कार्य करने सीखाया है । अधिकतर कार्य आज ऑनलाइन इंटरनेट के माध्‍यम से ही किये जा रहे हैं । बच्‍चों की पढ़ाई के लिये भी हम आज इंटरनेट पर डिपेंड है महामारी के कारण बच्‍चों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्‍न ना हो इसलिये ऑनलाइन क्‍लासेस पढ़ाई जा रही है । लॉकडाउन के कारण ऑफिस बंद रहे लोगों ने अपना कार्य घर पर ही इंटरनेट के माध्‍यम से किया । आज हर जगह वर्क फ्रॉम होम की चर्चा है । कई लोगों ने लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट से कई सारी स्‍कील सीखी जिसके माध्‍यम से वे पैसे कमाने में सक्षम बन पाये । इंटरनेट पर हर तरह की एजुकेशनल, प्रोफेशनल, बिज़नेस से संबंधित जानकारी उपलब्‍ध रहती है जिसे हर कोई घर में बैठकर भी आसानी से सीख सकता है तथा अपने आपको improve कर सकता है ।

Internet से हानि –

हमने कई बार ऐसा कहते हुये अपने बड़े –बुजुर्गों को सुना है कि किसी चीज़ का जितना ज्‍यादा फायदा होता है उसके अपने नुकसान भी होते हैं । अति किसी चीज़ की भी अच्‍छी नहीं होती हैं ।

समाज पर इंटरनेट का प्रभाव –

इंटरनेट की लत (Online Addiction) – अब इंटरनेट की लत के बारें में शायद आपको तो बहुत अच्‍छे से ही पता होगा ।

आज हर दूसरे व्‍यक्ति के हाथ में मोबाइल है जो हर वक्‍त इंटरनेट पर समय व्‍यतीत कर रहा है । घर पर परिवार के लोग ही आपस में बात करने के लिये समय नहीं निकाल पा रहें है । वे हर वक्‍त अपने मोबाइल में व्‍यस्‍त रहते हैं । आज की युवा पीढ़ी अपने  बड़े-बुजुर्गो से कुछ सीखने के बजाय ऑनलाईन गेम या चैट में ज्‍यादा व्‍यस्‍त है ।

घर-परिवार के संबंधो पर सबसे ज्‍यादा इंटरनेट का प्रभाव देखने को मिल रहा है पहले के जमाने में सब लोग साथ में बैठकर खाना खाते थे वहीं आज के समय में सब साथ में बैठकर खाना भले ही खा ले पर ध्‍यान पूरा मोबाइल पर ही रहता है । एक दूसरे से बात करने का समय भी हम नहीं निकाल पाते हैं ।

गंदे सामग्री का प्रचार – नेट पर कई सारी गलत जानकारीयों का प्रचार हो रहा है जो जाने अनजाने हमारे बच्‍चों के भविष्‍य पर असर डाल रहा है । एडल्‍ट सामग्री का प्रचार  आज की तारीख में इंटरनेट पर कई बार देखने को मिलता है जिसका असर हमारे दिमाग पर पड़ रहा है । लोग इसी का फायदा उठाकर गलत तरीकों से पैसे कमा रहे हैं । कई जुर्म इंटरनेट से सीखकर अपनी जिन्‍दगी में शामिल कर रहे हैं ।

जितना ज्‍यादा मनुष्‍य ज्ञान ऑनलाइन ग्रहण कर रहा है उससे कहीं ज्‍यादा गलत चीज़े भी सीख रहा है ।

अभी कभी के अखबार में एक न्‍यूज़ छपी थीं जिसमें भाई-बहन ने नोट कैसे बनता है यह ऑनलाईन सीखकर कई जगह पर जाली नोटों का व्‍यापार चालू कर दिया । सुसाइड के नये-नये तरीकों के बारें में तथा क्राइम कैसे करते है । घर पर ही बम बनाने के तरीके इत्‍यादि गलत रास्‍तों को अपनाकर अपना कैरियर या जिन्‍दगी तबाह कर ली है । इंटरनेट पर हर-प्रकार की जान‍कारी उपलब्‍ध है लेकिन हमारे लिये कौन सी जानकारी सही होगी जो हमारा कैरियर बना देगी यह हमे स्‍वयं को समझना होगा । ना कि पैसा कमाने के या फैमस होने के गलत रास्‍तों पर चलना ।

इन्‍टरनेट की सेवाएँ  (Services of Internet) –

वर्ल्‍ड वाइड वेब (World Wide Web-WWW) –

वर्ल्‍ड वाइड वेब इंटरनेट से जानकारी प्राप्‍त करने का सर्वाधिक उपयोग किया जाने वाला साधन है ।  इंटरनेट यूज़र वेब ब्राउज़र की मदद से वेब सर्वर को एक्सेस कर  उन वेब पेज की सूचनाओं को प्राप्‍त करता है जो कि  एचटीएमएल लैंग्‍वेज में लिखे होते है जिसे सिर्फ वेब ब्राउज़र की सहायता से ही ओपन किया जाता है । वेब पेज में सूचनायें ऑडियो, विडियो, टेक्‍स्‍ट के रूप में विद्यमान रहती है । कुछ वेब ब्राउज़र के नाम है – क्रोम , फायर फॉक्‍स, ओपेरा मिनी, इंटरनेट एक्‍सप्‍लोलर ।

सामान्‍यत: इन्टरनेट उपयोगकर्ता केवल वर्ल्‍ड-वाइड-वेब को ही इंटरनेट का एकमात्र संसाधन समझते हैं । किन्‍तु सत्‍य यह है कि इंटरनेट द्वारा वेब प्रयोग तथा ई-मेल के अतिरिक्‍त भी अन्‍य महत्‍वपूर्ण सेवा प्राप्‍त की जा सकती है । जो कि निम्‍न प्रकार से हैं ।

फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल –

FTP (File Transfer Protocol) जैसे कि नाम से ही पता चल रहा है । कि इसका उपयोग इंटरनेट पर फाइल को एक कम्‍प्‍यूटर से दूसरे कम्‍प्‍यूटर पर ट्रांसफर करने के लिये किया जाता है ।  आसान भाषा में कहे तो File को एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर भेजने के लिये फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल  का उपयोग किया जाता है । जब किसी दूसरे कम्‍प्‍यूटर नेटवर्क से अपने कम्‍प्‍यूटर पर कोई फाइल प्राप्‍त की जाती है तो उसे फाइल डाउनलोडिंग (File downloading) कहा जाता है । तथा जब अपने कम्‍प्‍यूटर से किसी दूसरे कम्‍प्‍यूटर नेटवर्क पर फाइल भेजी जाती है । तो उसे फाइल अपलोडिंग (File uploading) कहते हैं ।

आसान भाषा में कहे तो यदि हमें कोई विडियो इंटरनेट से प्राप्‍त करना होता है तो हम विडियो को अपने कम्‍प्‍यूटर पर डाउनलोड करेंगे । वहीं यदि हमें अपना कोई विडियो साइट पर डालना है तो उसे हमें अपलो‍ड करना होगा । यदि कोई सॉफ्टवेयर हमें अपने पी.सी या कम्‍प्‍यूटर पर चाहिये होता है तो उसे हम डाउनलोड करते है या फिर इन्‍टॉल करते हैं । वहीं यदि हमें अपना कोई सॉफ्टवेयर किसी कम्‍प्‍यूटर पर भेजना है तो उसे हमें अपलोड करना होगा ।

इलेक्‍ट्रॉनिक मेल –

ई-मेल – ई-मेल या इलैक्‍ट्रॉनिक मेल कम्‍प्‍यूटर पर उपलब्‍ध डाक सेवा है जैसे हम डाक सेवा का उपयोग पत्र (संदेश) को एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर पहुंचाने के लिये करते हैं  उसी प्रकार इलेक्‍ट्रॉनिक मेल हमारे संदेश को एक कम्‍प्‍यूटर से दूसरे कम्‍प्‍यूटर तक पहुंचाता है । जिससे हम कुछ ही सेकंड में संदेश एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर पहुंचा सकते हैं ।

ई-मेल की शुरूआत सबसे पहले एक हॉटमेल नामक कम्‍पनी ने की । जिसने www.hotmail.com वेबसाइट  के द्वारा प्रारंभ की । ई-मेल सूचना एवं प्रोद्योगिकी की एक अद्भूत देन है जिसके द्वारा हम अपने संदेश को दुनिया के किसी भी कोने में कुछ ही सेकण्‍ड में ई-मेल के माध्‍यम से भेज सकते हैं । ई-मेल के द्वारा हम टेक्‍स्‍ट, इमेज, फाइल, कम्‍प्‍यूटर सॉफ्टवेयर आदि कई सारी information भेज सकते हैं एवं  प्राप्‍त भी  कर सकते हैं ।

गोफर (Gopher)-

गोफर का आविष्‍कार अमेरिका के मिनिसोटा नाम विश्‍वविद्यालय में हुआ था । गोफर एक यूज़र फ्रेंडली इन्‍टरफेस है, जिसके द्वारा यूज़र इंटरनेट पर प्रोग्राम्‍स एवं सूचनाओं का आदान-प्रदान आसनी से कर सकते हैं । गोफर यूज़र की वांछित सूचनाओं एवं प्रोग्राम्‍स को खोजकर यूज़र के समक्ष आउटपुट ला देता है । गोफर का इस्‍तेमाल अत्‍यंत सरलता पूर्वक किया जा सकता है इसके द्वारा इन्‍टरनेट की कई सेवाएं आपस में जुड़ी रहती है ।

Telnet (टेलनेट)

Full form of Telnet is Terminal Network. टेलनेट  के माध्‍यम से इंटरनेट द्वारा हम एक कम्‍प्‍यूटर पर काम करते हुये दुनिया के किसी भी भाग में स्थित कम्‍प्‍यूटर को रिमोटली एक्‍सेस कर सकते है । इस सुविधा के द्वारा हम दो कम्‍प्‍यूटरों के मध्‍य तुरन्‍त संपर्क स्‍थापित कर सकते है ।  टेलनेट पर कार्य करने के लिये हमें यूजरनेम और पासवर्ड की आवश्‍यकता होती है । यदि यूज़र नेम और पासवर्ड सही होंगे तभी हम यूजर रिमोट कम्‍प्‍यूटर से जुड़ सकते हैं । अन्‍यथा नहीं । टेलनेट के माध्‍यम से हम पुस्‍तकालयों में उपस्थित किताबों का पता लगा कर उन्‍हें पढ सकते हैं ।

Fax (फैक्‍स)

फैक्‍स का उपयोग इंटरनेट पर मॉडेम का उपयोग कर एक कम्‍प्‍यूटर से दूसरे कम्‍प्‍यूटर पर किसी भी डॉक्‍यूमेंट को स्‍कैन करके टेलीफोन द्वारा भेजा जाता है ।

चैटिंग (Chatting)

इंटरनेट की सुविधा का उपयोग हम चैट सॉफ्टवेयर की मदद से अन्‍य कम्‍प्‍यूटर उपयोगकर्ता अथवा मोबाइल उपयोगकर्ता से ऑनलाइन बातचीत करने में भी करते है । चैटिंग  वर्तमान समय का सर्वाधिक लोकप्रिय है । जिसमें यूज़र की बोर्ड की मदद से संदेश टाइप करके दूसरे यूज़र को भेजता है तथा दूसरा यूज़र भी संदेश प्राप्‍त होने के पश्‍चात्  अपना संदेश उत्तर के रूप में भेजता है । आज कल सर्वाधिक लोकप्रिय चैटिंग सॉफ्टवेय वॉट्सअप, टेलीग्राम है । चैटिंग एप्‍प के माध्‍यम से आप विडियो, ऑडियो, टेक्‍स्‍ट फाइल आदि का आदान प्रदान भी आसानी से कर सकते हैं ।

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Computer Language

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